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विपक्ष का विरोध जारी, भाजपा विधायक सरकार विरोधी नारा लगाते हुए वेल में आये

रांची, 02 मार्च (हि.स.)। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही 11 बजकर नौ मिनट पर शुरु हुई। कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने स्थानीय नीति, नियोजन नीति और संविदाकर्मियों का मुद्दा उठाया और विधानसभा की रिपोर्टिंग टेबल की परिक्रमा करने लगे। भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने वर्ष 2016 में स्थानीय नीति बनायी थी। राज्य सरकार ने पूर्व की सरकार की नियोजन नीति भी रद्द कर दी। इससे हजारों युवाओं के रोजगार पर ग्रहण लग गया है। विधायक मनीष जायसवाल ने नियोजन नीति का मुद्दा उठाया। वहीं अनंत ओझा ने संविदा कर्मियों का मुद्दा उठाया। उन्हें रिपोर्टिंग टेबल की परिक्रमा करते देख विधानसभाध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि रिपोर्टिंग टेबल की परिक्रमा और आपका इस तरह का व्यवहार सदन की गरिमा के प्रतिकूल है। इसके बाद उन्होंने कहा कि चालू बजट सत्र में इनपर विचार-विमर्श संभव है, इसलिए इस पर कार्यस्थगन प्रस्ताव अमान्य किया जाता है। युवा विरोधी सरकार होश में आओ कार्यस्थगन प्रस्ताव अमान्य होने के बाद विपक्षी विधायकों का हंगामा बढ़ गया और वे जनविरोधी और युवा विरोधी सरकार होश में आओ का नारा लगाने लगे। उनके हाथों में प्ले कार्ड था जिसे बाद में मार्शलों ने ले लिया। इसके साथ ही वे रिपोर्टिंग टेबल थपथपाने लगे। स्पीकर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि जनहित का सवाल होने दीजिए। आसन की ओर पीठ नहीं करना चाहिए। आपका आचरण सही नहीं है। पर विपक्षी विधायकों ने उनकी बात अनसुनी कर दी और ताली बजाते हुए रिपोर्टिंग टेबल की परिक्रमा करने लगे। इसपर स्पीकर ने कहा कि प्रश्नकाल चलने दीजिए, जनता का सवाल है। आप जो मैसेज देना चाहते थे, वह दे चुके हैं, प्रश्नकाल चलने दीजिए। आपलोग आसन पर जायें। यह निक्कमी सरकार है, प्रश्नों का उत्तर नहीं दे सकती 11 बजकर 33 मिनट पर विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि अब तारांकित प्रश्न लेते हैं। उन्होंने भाजपा विधायक सीपी सिंह से पूछा कि क्या वे सवाल पूछना चाहते हैं। इसपर सीपी सिंह ने कहा कि मैं यह जानता हूं कि यह निकम्मी सरकार है। यह प्रश्नों का उत्तर नहीं दे सकती। इसलिए मैं प्रश्न करना नहीं चाहता। उनके बाद विधानसभाध्यक्ष ने अनंत ओझा से पूछा कि क्या आप भी प्रश्न पूछना नहीं चाहते, जवाब में अनंत ओझा ने कहा कि प्रश्नों पर सरकार का उत्तर धोखा देनेवाला है। उनके बाद विधायक समीर मोहंती ने बहरागोड़ा में स्टेडियम अपूर्ण रहने का मामला उठाया। इसका जवाब देते हुए मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि वे इस मामले को दिखवा लेंगे। 11 बजकर 34 मिनट पर आये मुख्यमंत्री पहली पाली में 11 बजकर 34 मिनट पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सदन में आये। उनके आने के बाद विधायक दिनेश विलियम मरांडी ने लिट्टीपाड़ा में कॉलेज बनाये जाने का मामला उठाया। इस समय भाजपा विधायक और हो-हल्ला करते हुए हेमंत सरकार हाय-हाय का नारा लगाते हुए टेबल थपथपाने लगे। हंगामा बढ़ता देख विधानसभाध्यक्ष ने 11 बजकर 38 मिनट पर विधानसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। ...और वेल में लेट गये सदर विधायक मनीष जायसवाल 12 बजे से विधानसभा की कार्यवाही जब फिर शुरु हुई तो भाजपा विधायक मनीष जायसवाल वेल में लेट गये। वे करीब पांच मिनट तक लेटे रहे। विधायक अमित कुमार यादव ने वेल में उनके लेटने का कारण बताते हुए कहा कि हजारीबाग में केरोसिन से विस्फोट की घटनाएं हुई हैं। इसलिए मनीष जायसवाल लेटे हुए हैं। इसके बाद मनीष जायसवाल उठे और केरोसिन विस्फोट की घटना पर मुख्यमंत्री से जवाब दिलवाने को कहा। तभी सीपी सिंह उठ खड़े हुए और कहा कि मजाक हो गया है सदन का, मुख्यमंत्री से जवाब मांगा जाता है और चार-चार मंत्री जवाब देने के लिए खड़े हो जाते हैं। इस पर स्पीकर ने कहा कि कहां से मजाक हो रहा है यह जनता देख रही है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने केरोसिन विस्फोट में मारे गये लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की। मुख्यमंत्री की बात पूरी होने के बाद विपक्षी विधायक फिर हंगामा करने लगे। इसपर स्पीकर ने कहा कि टेबल ठोकने की परिपाटी संसदीय आचरण के प्रतिकूल है। उन्होंने विपक्षी विधायकों से शून्यकाल बाधित न करने को कहा। भाजपा विधायक मनीष जायसवाल के वेल मेें लेटने पर विधायक डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि उन्हें (मनीष जायसवाल) इतना ही गिरने का शौक है तो वे बाहर ही रहें। मैं डॉक्टर हूं, इनका इलाज मैं करुंगा। इस दौरान भाजपा विधायक जयश्री राम का नारा लगाने लगे। 12 बजकर 25 मिनट पर भाजपा विधायक रणधीर सिंह वेल में बैठ गये, उनके साथ कुछ और विधायक बैठे। भाजपा विधायकों के हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने भानु प्रताप शाही से कहा कि शून्यकाल लेने में कितना तकलीफ होता है, इसलिए शून्यकाल को बाधित मत कीजिए। इसके बाद फिर भाजपा विधायक हेमंत सरकार होश मेें आओ का नारा लगाने लगे। भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कांके रोड मेें एक पीड़िता के शारीरिक शोषण का मामला उठाते हुए कहा कि जब पीड़िता मामले को लेकर थाने में जाती है तो उसे धर्म परिवर्तन को कहा जाता है। इससे शर्मनाक क्या हो सकता है। सरकार को चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए। इसपर विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना असंसदीय है। संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने इसपर जवाब देते हुए कहा कि यह दुखद घटना है और सरकार इसे संज्ञान में लेती है। इसके बाद वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया। 12 बजकर 44 मिनट पर सभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। दूसरी पाली में सभा की कार्यवाही दो बजकर पांच मिनट पर शुरु हुई। भानु प्रताप शाही ने कहा कि नियोजन नीति रद्द होने से हजारों युवाओं का जीवन और नौकरी संकट में है। वहीं सरकार कान में तेल डालकर सोयी हुई है। दूसरी पाली में द्वितीय अनुपूरक बजट पर चर्चा को लेकर स्पीकर ने कहा कि इसके लिए दो घंटे का वक्त है। इसी बीच भाजपा विधायक हंगामा करने लगे और दो बजकर 11 मिनट पर वॉक आउट कर गये। इससे पहले विधायक अनंत ओझा ने कहा कि यह सरकार मजदूर विरोधी है, हम बैठक का बहिष्कार करते हैं। इसके बाद वे भी चले गये। सीपी सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया जाये भाजपा विधायकों के वाक आउट करने से पहले विधायक सीपी सिंह ने विरोध जताते हुए विश्वविद्यालय सीनेट का नोटिफिकेशन फाड़ कर फेंक दिया था। इस मुद्दे पर भाजपा विधायकों के सदन से बाहर जाने के बाद प्रदीप यादव उठे और उन्होंने कहा कि सीपी सिंह वरिष्ठ विधायक रहे हैं, उनका संसदीय पत्रों को फाड़ना संसदीय आचरण के विपरीत है। उन्होंने बचकाना हरकत की है। उन्हें पूरे सत्र के लिए निष्कासित किया जाना चाहिए। द्वितीय अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि भाजपा विधायक अपनी कमिया सुन नहीं सकते, इसलिए उन्होंने सदन का बहिष्कार किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोरोना काल में भी दिलेरी का काम किया। हेंब्रम ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने नियोजन नीति बाहरी लोगों के फायदे के लिए बनायी थी। भाजपा के लोग सत्ता जाने के बाद पानी बिन मछली की तरह छटपटा रहे हैं : बंधु तिर्की अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि विपक्षी विधायकों के हंगामे के कारण दो दिनों से सदन बाधित रहा। उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से वर्ष 2016 में जो नियोजन नीति लायी गयी थी उसमें कई विसंगतियां थीं। भाजपा के लोग सत्ता जाने के बाद पानी बिन मछली की तरह छटपटा रहे हैं। नियुक्ति नियमावली में संस्कृत को क्षेत्रीय भाषा और हिंदी अंग्रेजी को जनजातीय भाषा में जोड़ दिया गया। नियुक्ति नियमावली में स्थानीय लोगों की हकमारी हुई। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की नीति और नीयत दोनों साफ है। श्री श्री रविशंकर और बाबा रामदेव को जमीन देने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इनका झारखंड में क्या योगदान है। बाहर के 500 लोगों को एकड़-एकड़ जमीन दे दी गयी। उस जमीन की बंदोबस्ती रद्द की जानी चाहिए। क्रशर व्यवसाय से लोगों को रोजगार मिल सकता: अमित कुमार विधायक अमित कुमार ने चर्चा के दौरान क्रशर व्यवसाय से हजारों लोगों को रोजगार मिल सकता है, पर इसका लाइसेंस लेना आसान नहीं है। इसके लाइसेंस की प्रक्रिया सरकार सरल करे। उनके बाद विधायक विनोद सिंह ने कहा कि आलोचना सकारात्मक होनी चाहिए। राज्य को अपनी योजनाओं पर खर्च करने पर फोकस करना चाहिए। उनके बाद वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने अनुपूरक बजट पर सरकार की ओर से उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि वाद-विवाद के दौरान लोबिन हेंब्रम, डॉ इरफान, अंसारी विनोद सिंह और अन्य ने अपने विचार रखे, उनके सुझावों का हम स्वागत करते हैं। इसपर यथासमय अमल करेंगे। इसके बाद उन्होंने द्वितीय अनुपूरक बजट लाने का औचित्य बताया और इसके बाद बजट पास कर दिया गया। सभा की कार्यवाही चार बजकर एक मिनट पर अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण

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