एनएसयूआई का यूजीसी के खिलाफ अनूठा प्रदर्शन
एनएसयूआई का यूजीसी के खिलाफ अनूठा प्रदर्शन

एनएसयूआई का यूजीसी के खिलाफ अनूठा प्रदर्शन

रांची, 12 जुलाई (हि. स.)। नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने रविवार को यूजीसी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह के नेतृत्व में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने यूजीसी द्वारा कोरोना काल में परीक्षा लेने के विरोध और फीस माफी के लिए प्रदर्शन किया। एनएसयूआई की मांग है कि झारखंड के सारे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की परीक्षा को रद्द कर छात्रों को प्रोमोट किया जाये। इस मौके पर इंदरजीत सिंह ने थाली बजाकर विरोध किया। इंदरजीत सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से लगातार हो रहे आंदोलन और छात्रों द्वारा परीक्षा को स्थगित करने की मांग को अनसुना किया गया। उसको देखते हुए समझा जा सकता है कि यूजीसी नींद में सोई हुई है। इसलिए झारखण्ड एनएसयूआई ने सांकेतिक रूप से थाली बजाकर यूजीसी को जगाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि यूजीसी के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार भी छात्रों के साथ पूरी तरह अन्याय कर रही है। झारखंड के सारे विश्वविद्यालय और कॉलेजों की परीक्षा को रद्द कर छात्रों को प्रोमोट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को छात्रों की सभी तरह की फीस माफ कर देनी चाहिए। कोरोना काल मे छात्रों पर आर्थिक संकट आया है। ऐसे में किसी तरह का शुल्क लेना ठीक नहीं होगा। इंदरजीत ने कहा कि सरकार छात्रों को प्रयोगशाला न समझे। छात्र देश और राज्य के भविष्य होते हैं। ऐसे में छात्रों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। सिंह का कहना है कि परीक्षाएं कराना केंद्र सरकार का एक 'संकीर्ण नजरिया' है और इस फैसले से छात्रों के स्वास्थ्य पर भी बड़ा खतरा है। अगर आईआईटी बॉम्बे फाइनल इयर की एग्जाम कैंसिल कर सकता है तो बाकी विश्वविद्यालय ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं। केंद्र का यह फैसला संकीर्ण नजरिए का है और इससे छात्रों की सेहत खतरे में पड़ जाएगी। आपको बता दें कि आईआईटी बॉम्बे ने फाइनल इयर के एग्जाम रद्द कर दिया है और इसके विकल्प के तौर पर पिछले साल के छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते, जब पूरे देश के परिवारों का जीवन अस्त व्यस्त है। ऐसे परिस्थितियों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तुगलकी फरमान जारी कर विश्विद्यालय को परीक्षा करवाने के निर्देश दिए है। जबकि अभी छात्रों का आधे से ज्यादा कोर्स पढ़ाया जाना अभी बाकी है। इंदरजीत सिंह ने इस दौरान मांग की कि छात्रों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए जल्द से जल्द इस तुगलकी फरमान को वापस ले नहीं तो एनएसयूआई उग्र आंदोलन करेगी। मौके पर आकाश रजवार, प्रणव राज, अमन यादव, आकाश, हिमांशु, आमिर, अब्दुल राबनवाज, राजू, गौतम मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/ सबा एकबाल-hindusthansamachar.in

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