एनएसयूआई ने स्वास्थ्य मंत्री से की जीएनएम स्कूल ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल को हटाने की मांग
एनएसयूआई ने स्वास्थ्य मंत्री से की जीएनएम स्कूल ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल को हटाने की मांग

एनएसयूआई ने स्वास्थ्य मंत्री से की जीएनएम स्कूल ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल को हटाने की मांग

रांची, 07 जुलाई (हि. स.)। नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से मुलाकात की। एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा। इंद्रजीत सिंह ने रिम्स जीएनएम स्कूल ऑफ नर्सिंग में हो रहे भ्रष्टाचार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आये दिन वहां की छात्राओं को बैक करने की धमकी मिलती रहती है। छात्राओं की शिकायत के बाद एनएसयूआई की टीम ने जांच पड़ताल किया। जिसमें कई चौकाने वाली बात सामने आई। उन्होंने कहा कि हॉस्टल में 150 छात्राएं रहती है। छह महीने से किसी को छुट्टी नही दिया गया। जबकि सरकार के तरफ से आदेश था कि कोरोनो काल मे कोई भी हॉस्टल में नहीं रहना चाहिए। छात्राएं घर जाना चाहती है। कोई भी समस्या के लिए कोई आवाज उठाये तो बैक करने की मिलती है धमकी। उसके पेरेंट्स को भी बुला कर इंसल्ट किया जाता है। एडमिशन फीस फ्री होने के बावजूद एडमिशन के समय हर छात्राओं से हजारों रुपये ( 5000) की वसूली की जाती वो, भी बिना रशीद दिए। हॉस्टल की स्थिति दयनीय है। छत टूट के गिर रहा है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। मौके पर एनएसयूआई की राष्ट्रीय संयोजक आरुषि वंदना ने कहा कि इसकी जांच की जाए और वहां मौजूद प्रिंसिपल एवं होस्टल वार्डन को तत्काल निष्काषित किया जाए। मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि मामले की जांच कमिटि गठित की जाएगी और दोषियों पर करवाई की जाएगी। मौके पर अमन यादव, आकाश रजवार, प्रणव सिंह, हिमांशु कुमार, आमिर मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/ विनय-hindusthansamachar.in

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