डॉ निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री फर्जी : सुप्रियो भट्टाचार्य
डॉ निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री फर्जी : सुप्रियो भट्टाचार्य

डॉ निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री फर्जी : सुप्रियो भट्टाचार्य

रांची, 23 जुलाई (हि. स.)। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि भाजपा के गोड्डा से सांंसद डॉ निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री फर्जी है। भट्टाचार्य ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में कहा कि डॉ निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री फर्जी है। ऐसे में उनकी डॉक्टरेट की उपाधि भी संदेह के घेरे में है। चुनाव आयोग को दिये गये हलफनामे में उन्होंने खुद के एमबीए होने की जानकारी दी है, लेकिन आरटीआई से पता चला है कि उन्होंने अपने एमबीए होने की गलत जानकारी दी है। भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2009, 2014 और 2019 में चुनाव लड़ने के दौरान डॉ निशिकांत दुबे ने जो हलफनामा दिया है उसमें कहा है कि 1993 में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पार्ट टाइम एमबीए किया। इस बाबत जब गोरखपुर निवासी बिजेंद्र कुमार पांडेय ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में आरटीआई का आवेदन डालकर पूछा कि क्या निशिकांत दुबे ने 1993 में उनके यहां से एमबीए किया है। जवाब में दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के पार्ट टाइम एमबीए डिपार्टमेंट मेें जो रिकार्ड मजबूत है। उसमें कहीं भी इस बात का सबूत नहीं मिला है कि निशिकांत दुबे नाम के किसी व्यक्ति ने 1993 में यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। धोखाधड़ी का मामला है सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इस खुलासे से निशिकांत दुबे का फर्जीवाड़ा सामने आ गया है। निशिकांत ने 20 करोड़ की जमीन तीन करोड़ नगद रुपये देकर ले ली। वह भी पवित्र जमीन जहां मां पूजा होती थी। ऐसे लोगों के खिलाफ गहन जांच की मांग भारत के चुनाव आयोग और लोकसभाध्यक्ष से करते हैं। ताकि सच्चाई लोगों के सामने आ जाए। भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा में ऐसे दर्जनों लोग पड़े हुए हैं जिन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर फर्जी दावे किये। इसका उदाहरण दिल्ली के कपिल मिश्रा हैं जो जेल तक गये। ऐसे फर्जी लोग जब राजनीति में आते हैं तो अपने गलत काम को छुपाने के लिए आते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ गहन जांच होनी चाहिए। ऐसे लोग यदि सदन में बैठेंगे तो समाज की दिशा किस ओर जायेगी। अब इनकी कलई खुल गई है। उन्होंने कहा कि जो नियमों का पालन करेंगे उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। मास्क नहीं पहनने और दो गज की दूरी के नियमों का पालन नहीं करने पर एक लाख के जुर्माने के सवाल पर भट्टाचार्य ने कहा कि जो लोग गलत करते हैं उनके लिए यह कानून लाया गया है। जो लोग मास्क पहनेंगे और दो गज की दूरी के नियमों का पालन करेंगे उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पूरे कोरोना काल में नियमों का सबसे अधिक उल्लंघन भाजपा के लोगों ने किया और इसी वजह से उन्हें डर भी है। उत्तर प्रदेश के सीएम ने तो बिना परमिशन के बसों को कोटा भी भेज दिया था। आरटीआई फर्जी है इस बीच झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य की ओर से लगाये गये आरोपों के बाबत डॉ निशिकांत दुबे ने कहा कि जिस आरटीआई की बात की जा रही है वह फर्जी है। वह वर्ष 2017 से सर्कुलेट हो रहा है पर उसमें सत्यता नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/ विनय-hindusthansamachar.in

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