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दस लाख के इनामी नक्सली जीवन कंडूलना ने किया सरेंडर

रांची, 28 फरवरी (हि.स.)। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के 10 लाख के इनामी हार्डकोर नक्सली जीवन कंडूलना ने रविवार को हथियार के साथ रांची के डीसी छवि रंजन और एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के समक्ष सरेंडर कर दिया। बताया गया कि सरकार की सरेंडर नीति से प्रभावित होकर कंडूलना ने रांची पुलिस के समक्ष सरेंडर किया। कंडूलना ने अपनी एक राइफल और 10 जिंदा गोली पुलिस को सौंप दीं। जीवन कंडूलना मूल रूप से खूंटी जिले के रानिया थाना क्षेत्र का रहने वाला है। सरेंडर नीति के तहत उसे दो लाख रुपये का चेक दिया गया। हार्डकोर नक्सली जीवन कंडूलना के खिलाफ कुल 72 मामले दर्ज हैं। इनमें आर्म्स एक्ट, सीएलए एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, यूएपीए एक्ट, हत्या, लेवी, पुलिस के साथ मुठभेड़ सहित कई मामले शामिल हैं। इसके निशानदेही पर भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर जीवन कंडूलना की निशानदेही पर चाईबासा पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया है। इनमें दो 303 बोर का राइफल, दो 315 बोर का राइफल, 40 पीस 303 बोर जिंदा कारतूस, 170 पीस 315 जिंदा कारतूस, दो ग्रेनेड, तीन आईईडी बम 25-25 किलो का, दो तीर बम आईईडी, स्प्लिंटर एक पैकेट, 50 मीटर तार, 27 पीस बैटरी, दो मैगजीन पाउच नक्सली साहित्य और पर्चे शामिल हैं। बहन के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद बना था नक्सली जीवन कंडूलना ने पुलिस को बताया कि नौवीं कक्षा पास करने के बाद वह जिला जालंधर काम करने गया था, जब उसकी बहन कॉलेज में पढ़ती थी। वर्ष 2009 के 01 जनवरी को गांव के ही तीन चार लड़काें ने उसकी बहन का बलात्कार करने के बाद हत्या कर दी थी। हत्या की खबर मिलने पर वह जालंधर से वापस आ गया। पीएलएफआई के डर से केस नहीं किया था। कुछ दिन बाद भाकपा माओवादी संगठन के निर्मल एवं प्रसाद उर्फ कृष्णा अहीर का दस्ता पीडिंग कमरोड़ा बाजार में आता था। निर्मल से जीवन कंडूलना का ज्यादा संपर्क था। उससे मुलाकात किया और उसे सारी घटना की जानकारी दी। घटना का बदला लेने के लिए वर्ष 2009 में निर्मल के दस्ता में शामिल हो गया। कंडूलना के अनुसार संगठन में शामिल होने के बाद मध्यम कुमार और राज किशोर की हत्या कर बहन का बदला लिया, जबकि दो युवक गांव से भाग गया था। वर्ष 2010 से 2012 निर्मल के दस्ते में सक्रिय रहे वर्ष 2012 में एसएलआर दिया गया। निर्मल के गिरफ्तार होने के बाद वह कृष्णा अहीर उर्फ प्रसाद के दस्ते में शामिल हो गया। वर्ष 2018 में अब्राहम टोपनो के पुलिस का मुखबिर होने पर 2018 मई में अब्राहम की हत्या कर दी गयी। पोड़ाहाट जोन में सक्रिय रहने के दौरान मां बिरसीनिया कंडूलना के कैंसर ग्रस्त होने पर उसके इलाज कराने के लिए पैसा या मदद करने की बात कमेटी में रखी, पर संगठन के तरफ से कोई मदद नहीं मिली और वर्ष 2019 में मां की मौत हो गयी। बाद में संगठन से मोहभंग होने के कारण वह सेरेगदा से 10 फरवरी को पार्टी छोड़कर भाग गया। कुछ दिन तक गांव में इधर-उधर रहने के दौरान उसे सरकार की आत्मसमर्पण नीति के बारे में पता चला। इसी बीच रांची के एसएसपी और ग्रामीण एसपी के माध्यम से मुझे आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने के लिए खबर भेजा गया। वह अपने परिवार के सदस्य और गांव के लोगों से विचार-विमर्श कर तमाड़ थाना रांची में हथियार के साथ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। अब वह समाज के मुख्यधारा में जुड़कर अपना सामान्य जीवन जीना चाहता है। उल्लेखनीय है कि बीते 21 फरवरी को ही उसके आत्मसमर्पण के लिए तैयार होने की खबर सबसे पहले हिन्दुस्थान समाचार ने जारी की थी। हिन्दुस्थान समाचार/ विकास

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