लंबित वेतन निर्धारण का अनुमोदन के निदान के लिए विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
लंबित वेतन निर्धारण का अनुमोदन के निदान के लिए विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

लंबित वेतन निर्धारण का अनुमोदन के निदान के लिए विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

रांची, 13 जुलाई (हि. स.)। मांडर विधायक बंधु तिर्की ने गैर सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित ) प्रारंभिक विद्यालयों में नियुक्त एवं कार्यरत 400 शिक्षकों का लंबित वेतन निर्धारण का अनुमोदन के निदान के संबंध में सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। तिर्की ने अपने पत्र में लिखा है कि गैर सरकारी अल्पसंख्यक सहायता प्राप्त प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों की नियुक्ति अनुमोदन एवं वेतन निर्धारण बड़ी संख्या में विभिन्न स्तर पर लंबित है। जिसके कारण इन विद्यालयों के शैक्षणिक वातावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इसकी समीक्षा की जाए। नई स्थानातरण नीति- इस नियमावली के अनुसार प्राथमिक से प्लस टू उच्च विद्यालयों के शिक्षकों के स्थानांतरण, अंतर जिला स्थानांतरण का प्रावधान है जो काफी जटिल एवं शिक्षा तथा शिक्षक के हित के विपरीत है। प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 वर्तमान में प्रभावी है। जिसमें 50 प्रतिशत पारा शिक्षक और 50 प्रतिशत सीधी नियुक्ति का प्रावधान है। काउंसलिंग की जटिलता के कारण अनियमितता हो रही है। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय में अंतर जिला स्थानांतरण के लिए कई शिक्षकों (हजार की संख्या में) का प्रस्ताव लंबित है। ये प्रस्ताव नई स्थानांतरण नीति लागू होने के पूर्व की है। अतः शिक्षकों के हित में नई स्थानातरण नीति प्रभावी होने के पूर्व प्रचलित प्रावधानों के तहत इन शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण पर विचार करने की कृपा की जाए। तिर्की ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन के द्वारा विभागीय नियमानुसार विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। नियुक्ति के बाद नियुक्ति का अनुमोदन जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा किया जाता है। साक्षरता विभाग से होने के बाद ही शिक्षकों का वेतन भुगतान प्राप्त होता है। लंबी प्रक्रिया विभागीय उदासीनता के कारण वर्ष शिक्षक बिना वेतन के रह जाते हैं। निदेशालय में लगभग 400 शिक्षकों का वेतन निर्धारण लंबित है जो न्याय उचित प्रतीत नहीं होता है। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/ विनय-hindusthansamachar.in

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