miscreants-looted-employees-by-taking-them-hostage
miscreants-looted-employees-by-taking-them-hostage

बदमाशों ने कर्मचारियों को बंधक बनाकर की लूटपाट

धनबाद, 06 फरवरी (हि.स.)। महुदा पुलिस अंचल क्षेत्र में मुरलीडीह 20/21 पिट्स कोलियरी में बीती रात अज्ञात बदमाशों ने सुरक्षा कर्मियों को बंधक बनाकर नया ट्रांसफार्मर का क्वायल खोलकर ले गए । सुरक्षा कर्मियों को एक कमरे में बन्द कर मोबाइल छिन लिया गया। हालांकि लूटपाट करने के बाद जाते-जाते बदमाशों ने सुरक्षा कर्मचारियों के मोबाइल वापस कर दिए। सुरक्षाकर्मी में दामोद्दीन अंसारी, बिनोद महतो एवं राम अवतार पंडित मौजुद थे। सुरक्षाकर्मी राम अवतार पंडित ने बताया कि रात्री करीब 1:30 बजे 12 से 15 की संख्या में लोग आये और हथियार दिखाकर हम लोगों को एक कमरे में बन्द कर दिया। लगभग दो घंटा के बाद हम लोगों को छोड़ा गया। बदमाशों ने जाते-जाते धमकी दी कि किसी को बताया तो जान से मार दिया जाएगा। उन लोगों के जाने के बाद जब देखा तो पता चला कि रखा हुआ 200 केवी का नया ट्रांसफार्मर को खोलकर अन्दर से क्वायल एवं सौ लिटर बिजली तेल भी ले गये। सूचना पाकर शनिवार सुबह मुख्य अभियंता रामेश्वर राम कोलियरी पहुंचे एवं कर्मचारियों से घटना की जानकारी ली। इस संबंध में अधिकारी द्वारा किसी प्रकार की सूचना थाना में नहीं दी गयी है। ओपी प्रभारी हेमन राम से पूछने पर उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिली है लेकिन अभी तक किसी प्रकार की लिखित शिकायत नहीं है। अगर शिकायत मिलती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि मुरलीडीह 20/21 पिट्स कोलियरी में चोरी की दर्जनों बार घटना हो चुकी है परन्तु आज तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इधर कंपनी के अधिकारी भी लिखित शिकायत देने से कतरा रहे हैं। मजदूर बार-बार शिकायत करते हैं परन्तु उन लोगों का सुनने वाला कोई नहीं हैं। सुरक्षा प्रहरी लोग कहते हैं कि रात्री ड्युटी जान हथेली पर रख कर करनी पड़ती है। इस संबंध में राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के क्षेत्रिय अध्यक्ष पी.एन. तिवारी ने कहा कि कोलियरी में चोरी होना और मजदूरों का चोर द्वारा पिटाई होना आम बात हो गई है। कोई भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। पुलिस प्रशासन भी कान में तेल डालकर सोये हुए है। चोरी होने के बाद दिन में पुलिस आती है सिर्फ अपना कर्तव्य निभाने के लिए। हिन्दुस्थान समाचार / बिमल /-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in