मंत्री बन्ना ने निजी अस्पतालों के साथ की बैठक
रांची, 08 अप्रैल (हि. स.)। स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता की अध्यक्षता में गुरुवार को नामकुम स्थित आरसीएच सभागार में निजी अस्पतालों (जहां कोविड-19 उपचार किया जा रहा है) के साथ बैठक की गई। बैठक में निजी अस्पतालों में बेड क्षमता, उसके बढ़ोतरी, दवाइयों की उपलब्धता एवं वैक्सीनेशन की अद्यतन स्थिति एवं महत्वपूर्ण विषयों पर विमर्श किया गया। मंत्री द्वारा सबसे पहले ऐसे निजी अस्पतालों पर नाराजगी जताई गई जो उक्त बैठक में उपस्थित नहीं हुए। पंचम के अभियान निदेशक को निर्देश दिया गया कि ऐसे अस्पतालों से स्पष्टीकरण किया जाए एवं संबंधित इंसीडेंट कमांडर के द्वारा उन अस्पतालों का औचक निरीक्षण करते हुए आवश्यक कार्यवाई की जाए। मंत्री द्वारा उल्लेखित किया गया कि कोविड-19 के लगभग 90 प्रतिशत मरीजों का इलाज ऑक्सीजन सपोर्ट एवं दवाइयों से किया जा सकता है। मात्र 10 प्रतिशत संक्रमितों को ही वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है। हमें इस अनुसार इलाज का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने अस्पतालों को अपने वेबसाइट एवं नोटिस बोर्ड पर कोविड-19 इलाज का निर्धारित दर प्रदर्शित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कुछ अस्पतालों द्वारा मनमानी राशि की वसूली की जा रही है। ऐसा मामला संज्ञान में आने पर इन अस्पतालों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। कोविड-19 के इस दूसरे फेज में मानव हित, राज्य हित एवं राष्ट्रीय हित में सरकारी एवं निजी अस्पतालों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जो निजी अस्पताल सरकार द्वारा निर्धारित निर्देशों का अनुपालन नहीं करेंगे उनके विरुद्ध डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्यवाई की जाएगी। उन्होंने औषधि निदेशालय को यह निर्देश दिया कि मास्क, सेनीटाइजर की जमाखोरी ना हो इसका जिला प्रशासन के साथ निगरानी करेंगे। स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने कहा कि कोविड-19 बीमारी के नियंत्रण एवं मृत्यु दर पर नियंत्रण में निजी अस्पतालों की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है। संक्रमण में वृद्धि को देखते हुए सरकारी एवं निजी अस्पतालों को मिलकर समन्वय के साथ बेहतर रूप से कार्य करने की आवश्यकता है। बैठक में एसडीओ समीरा एस, देवकमल हॉस्पिटल, मेडिका, आर्किड, सेवासदन, अंजुमन सहित अन्य अस्पतालों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण