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टाटा स्टील के अधिकारियों के बाद मांडू सीओ पर एससी एसटी का मामला दर्ज

-गरमाता जा रहा है बंजी में जमीन के अवैध अधिग्रहण का मामला रामगढ़, 20 फरवरी (हि.स.)। टाटा स्टील कंपनी द्वारा मांडू प्रखंड अंतर्गत बंजी गांव में जमीन अधिग्रहण का मुद्दा गरमाता जा रहा है। 15 दिन पहले टाटा स्टील कंपनी के अधिकारियों समेत चार लोगों के खिलाफ एससीएसटी का मुकदमा दर्ज हुआ था। अब रामगढ़ एससीएसटी थाना में मांडू अंचल अधिकारी राकेश श्रीवास्तव के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज हो गई है। यह प्राथमिकी रामगढ़ कोर्ट के विशेष जज के आदेश पर दर्ज हुई है। मांडू अंचल अधिकारी राकेश श्रीवास्तव के खिलाफ बंजी गांव निवासी मोहन मांझी ने अभद्र व्यवहार करने, जातिसूचक गाली गलौज करने, कार्यालय से बाहर निकालने और धमकी देने कि शिकायत की थी। उनके सभी शिकायतों पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एससीएसटी थाने में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है। मोहन मांझी के द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है कि बंजी गांव में फागू मांझी और उनके वंशज मूल रैयत रहे थे। उन लोगों के नाम पर 15 एकड़ 84 डिसमिल जमीन दर्ज है। इस जमीन के लिए हजारीबाग कोर्ट में चले केस के बाद उन्हे डिग्री भी हासिल हुई थी। लेकिन जब टाटा स्टील कंपनी के द्वारा उनके गांव में जमीन अधिग्रहण किया जाने लगा तो रैयतों को उचित मुआवजा नहीं मिला। कई बार ग्रामीणों के द्वारा टाटा स्टील कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया। लेकिन कंपनी प्रबंधन ने उस पर अमल नहीं किया। 22 जनवरी 2020 को मोहन मांझी अपने अन्य परिजन बबलू टुडू, सन्नू मांझी, जयराम टूडू के साथ अंचल कार्यालय मांडू गए हुए थे। वहां उन्होंने अंचल अधिकारी राकेश श्रीवास्तव से पांच जमाबंदी केस के निष्पादन की बात कही। भू स्वामियों ने अंचल अधिकारी को बताया कि उन लोगों के द्वारा दाखिल खारिज केस नंबर 983 -15/ 16, 984- 15/ 16, 985- 15/16, 986 -15/ 16 और 987- 15- 16 अप्लाई किया गया था। लेकिन उसकी जमाबंदी अभी तक नहीं खोली गई है। ना ही रसीद ही उन्हें जारी किया जा रहा है। जबकि उस जमीन को लेकर वर्ष 2009 में हजारीबाग कोर्ट से मूल रही है तो को डिग्री भी हासिल हुई है। उस वक्त अंचल अधिकारी के द्वारा प्रति केस ₹50000 बतौर रिश्वत की मांग की गई। जब भू स्वामियों ने रिश्वत की रकम देने से इनकार कर दिया तो अंचल अधिकारी ने कहा कि टाटा स्टील जैसी बड़ी कंपनी से मुआवजा लोगे तो रिश्वत देना ही पड़ेगा। अगर रिश्वत नहीं दोगे तो जमीन से बेदखल भी होना पड़ेगा और वह जमीन टाटा स्टील कंपनी को भी दे दी जाएगी। इसके साथ ही अंचलाधिकारी ने उन लोगों के साथ गाली गलौज किया और उन्हें कार्यालय से बाहर भी निकाल दिया। इतना ही नहीं उन्होंने टाटा स्टील के जीएम को मुआवजा नहीं देने के लिए एक पत्र भी जारी किया। इससे स्पष्ट है कि अंचल अधिकारी टाटा स्टील कंपनी के अधिकारियों से रिश्वत ले कर उनके साथ ऐसा दुर्व्यवहार कर रहे हैं। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है : राकेश श्रीवास्तव इस पूरे प्रकरण में मांडू अंचलाधिकारी राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप पूरी तरीके से बेबुनियाद हैं। बंजी गांव के कुछ ग्रामीण के द्वारा जमीन के नाम पर टाटा कंपनी को बरगलाया जा रहा है। उन लोगों के द्वारा पहले भी मुकदमा दर्ज किया गया था। इसकी जांच में स्पष्ट हो गया है कि गलती ग्रामीणों की ही है। उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है। जांच में सच्चाई सामने आएगी। हिन्दुस्थान समाचार/ अमितेश

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