जून में जिस घर में गूंज रही थी शहनाई, जुलाई में छा गया मौतों का सन्न्नाटा, कोरोना ने एक माह के अन्दर  ही परिवार के छह लोगों लील लिया
जून में जिस घर में गूंज रही थी शहनाई, जुलाई में छा गया मौतों का सन्न्नाटा, कोरोना ने एक माह के अन्दर ही परिवार के छह लोगों लील लिया

जून में जिस घर में गूंज रही थी शहनाई, जुलाई में छा गया मौतों का सन्न्नाटा, कोरोना ने एक माह के अन्दर ही परिवार के छह लोगों लील लिया

रांची, 21 जुलाई (हि.स.)। देश में शायद ऐसी कोई दूसरी घटना देखने को मिले जैसा झारखंड में देखने को मिला । धनबाद के चौधरी परिवार के छह सदस्यों को महज एक माह के अन्दर कोरोना ने लील लिया। जिसमें मां और उसके पांच जवान बेटे शामिल हैं। इस महामारी ने एक हंसते-खेलते परिवार पर ऐसा कहर ढाया कि परिवार में मातमी सन्नाटा पसर गया है। कुछ दिनों पहले जिस परिवार में खुशियां मनायी जा रही थी, आज वहां चीत्कार है। जून में इस घर में शादी की शहनाई गूंज रही थी लेकिन जुलाई में मौत का सन्नाटा पसर गया। पूरे देश में संभवतः ये पहली घटना होगी,जहां महज एक माह में एक ही परिवार के छह लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो गयी। वहीं उस परिवार के बाकी सदस्य भी अस्पतालों में कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। दिल को दहला देनेवाला ये मामला धनबाद के कतरास इलाके का है। जहां रानी बाजार में रहने वाले चौधरी परिवार के छठे सदस्य की सोमवार को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। कोरोना ने इस परिवार में सबसे पहले बुजुर्ग महिला को अपना शिकार बनाया था। मिली जानकारी के अनुसार, चार जुलाई को सबसे पहले 88 वर्षीय मां का निधन बोकारो के एक नर्सिंग होम में हुआ। बाद में शव की जांच की गयी तो पता चला कि महिला कोरोना पॉजिटिव थी। उसके बाद एक-एक कर उनके पांच बेटे भी संक्रमण के शिकार होकर दुनियां से रुखसत होते गये। महिला की मौत के बाद उनके एक बेटे ने रांची के रिम्स कोविड अस्पताल में दम तोड़ दिया। कुछ दिनों बाद दूसरे बेटे का केंद्रीय अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। तीसरा बेटा, जो धनबाद के एक निजी क्वारंटीन सेंटर में भर्ती था, वहीं उनकी मौत हो गयी। बाद में उनका ड्राइवर उन्हें लेकर पीएमसीएच पहुंचा, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। फिर 16 जुलाई को कोरोना का कहर परिवार पर टूटा और चौथे बेटे की भी टीमएच जमशेदपुर में कैंसर बीमारी के इलाज के दौरान मौत हो गयी और महिला का पांचवां बेटा भी धनबाद के कोविड अस्पताल में रेफर करने के बाद रिम्स रांची में भर्ती था, जहां सोमवार (20 जुलाई) को उसने अंतिम सांस ली। देखते ही देखते लगभग एक माह में एक पूरा परिवार कोरोना के कारण तबाह हो गया। इस परिवार पर कोरोना के कारण आयी ऐसी को जो भी सुन रहा है, उसका कलेजा फटा जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि परिवार की खुशियों को किसी की नजर लग गयी। पिछले महीने जून में ही इस परिवार में कितनी रौनक थी। शादी की शहनाई गूंज रही थी। हंसता-खेलता परिवार शादी की खुशियों से सराबोर था। बेटे की शादी में शादी में शामिल होने के लिए जून महीने में महिला दिल्ली से कतरास स्थित अपने घर आई थी। लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उसे बोकारो के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। महिला की मौत के बाद ये सिलसिला रुका नहीं, देखते ही देखते उसके पांच बेटे भी संक्रमण की चपेट में ऐसे आये कि दुनिया को अलविदा कह दिया। जी हां, जो कोई भी इस घटना के बारे में सुन रहा है, वो कोरोना को कोस रहा है और पीड़ित परिवार के लिए शोक संतप्त है. जहां, पहले 88 साल की मां और फिर उसकी अर्थी को कंधा देनेवाले उसके पांच बेटों को कोरोना ने लील लिया। छठे बेटे की हालत नाजुक बतायी जा रही है। वहीं परिवार के कुछ और सदस्य की तबीयत भी खराब होने की खबर है। कोरोना के कहर की ऐसी मिसाल शायद देशभर में एकलौती है। ऐसे में कोरोना को हलके में लेने वाले लोगों को यह बात समझ आजानी चाहिए की ये अब खूंखार हो चुका है। इसकी उम्र के साथ इसके संक्रमण की छमता भी काफी बढ़ गयी। और अब मौतों का खेल खेलना शुरु कर दिया है। हिन्दुस्थान समाचार / सबा एकबाल/ विनय-hindusthansamachar.in

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