भारत ने अपनी विशेषताओं व समग्र चिंतन के बल पर दुनिया को वेदांत का दर्शन कराया : अर्जुन मुंडा
-एकल अभियान ने किया स्वामी विवेकानंद जयंती सह सैनिक सम्मान समारोह का आयोजन खूंटी, 12 जनवरी (हि.स.)। स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर एकल अभियान के तत्वावधान में मंगलवार को सैनिक परिवार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कौशल पैलेस में आयोजित इस समारोह का उदघाटन केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडाए पूर्व सांसद पद्मभूषण कडि़या मुंडाए एकल के क्षेत्रीय संघचालक देवव्रत पाहनए संरक्षक ज्ञानब्रहम पाठक तथा रोशनलाल शर्मा ने संयुक्त रूप से स्वामी विवेकानंद भगवान बिरसा मुंडा और भारतमाता की तस्वीर के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने महामानव स्वामी विवेकानंद तथा शहीद बिरसा मुंडा के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की इस पवित्र भूमि पर दोनों महामानव का प्रादुर्भाव एक ही कालखंड में हुआ था। दोनों ने अपने अल्प आयु में ही समाज व देश को नई दिशा प्रदान की। एक ने जहां दुनिया को वेदांत का दर्शन कराते हुए जीवन जीने और मनुष्य को अपने चरित्र के साथ प्रस्तुतीकरण की कला सिखायी। वही दूसरे ने सुदूर जंगलों व पहाड़ों में प्रकृति के बीच रहने वाले आदिवासियों को गोल बंद कर उन्हें नेतृत्व प्रदान करते हुए परतंत्र के खिलाफ मुखर विरोध का जज्बा जगाया। दोनों में एक समानता यह भी थी कि दोनों ने लोगों को सादगी, सरलता व सहजता से जीवन जीने का पाठ पढ़ाया। उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले देश के वीर सेनानियों के परिवारों को सम्मानित करने वाले एकल अभियान के इस आयोजन की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि हम संवेदनशील समाज के नागरिक हैं जो मां भारती के रूप में अपनी धरती को पूजते हैं और समर्पण भाव से उसकी उसकी रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्षो के गुलामी के बावजूद हम अपनी आदि संस्कृति व परंपरा को जीवित रखते हुए निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने गांव के बच्चों को संस्कार युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए एकल अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस दिन यह अभियान देश के सभी गांवों तक पहुंच जाएगा उस दिन हममें विश्व को नई दिशा प्रदान करने की सामर्थ्य पैदा हो जाएगी और हम फिर से विश्व गुरु के पद पर आसीन हो जाएंगे। हम की भावना जब तक नहीं आयेगी, तब तक समाज की विषता दूर नहीं होगी: कडि़या मुंडा पूर्व सांसद कडि़या मुंडा ने एकल अभियान के इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि हम की भावना जब तक नहीं आयेगी तब तक समाज की विषता दूर नही होगी । उन्होंने कहा कि व्यक्ति के विश्वास को मानव जीवन से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस दिन हम एक हो जाएंगे, दुनिया हमारे नीचे होगी। उन्होंने एकल अभियान को और आगे बढ़ाने पर बल दिया। कार्यक्रम को एकल के क्षेत्रीय संघचालक देवव्रत पाहन ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व एकल के प्रमोद सिंह ने विषय प्रवेश कराते हुए एकल अभियान के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि महज 30 वर्षों में एकल अभियान ने देश के एक लाख गांवों तक अपनी पहुंच बना ली है। साथ ही दो लाख गांवो में संस्कार केंद्र बन चुके हैं । उन्होंने कहा कि तीन लाख गांवों तक पहुंच बनाने का एकल का लक्ष्य है। प्रमोद सिंह ने कहा कि देश के साथ-साथ अपनी और राष्ट्रप्रेम और संस्कृति की बात करना, अगर सांप्रदायिकता है तो हम सांप्रदायिक हैं। कार्यक्रम के दौरान एक सौ पूर्व सैनिक तथा 150 से अधिक सैनिक के परिवार वालों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल-hindusthansamachar.in