High court seeks SOP from jail management in Lalu's prison manual violation case
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लालू के जेल मैन्युअल उल्लंघन मामले में हाइकोर्ट ने जेल प्रबंधन से मांगी एसओपी

रांची, 08 जनवरी (हि.स.)। चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को जेल में मिल रही सुविधाओं और उनके समर्थकों की और से किये जा रहे जेल मैनुअल के उल्लंघन मामले पर झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने राज्य सरकार और जेल आईजी से एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) मांगा है। हाईकोर्ट ने लालू को रिम्स के निदेशक के बंगले में शिफ्ट करने को लेकर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार कानून से चलती है, व्यक्ति विशेष से नहीं। सरकार की तरफ से अदालत को बताया गया कि जेल से बाहर इलाज के लिए यदि कैदी शिफ्ट किए जाते हैं तो उसकी सुरक्षा और उसके लिए क्या व्यवस्था होगी, इसका स्पष्ट प्रावधान जेल मैनुअल में नहीं है। जेल के बाहर सेवादार दिया जा सकता है या नहीं इसका भी जेल मैनुअल में स्पष्ट प्रावधान नहीं है। इसकी एसओपी भी नही है। सरकार अब जेल मैनुअल को अपडेट कर रही है और एसओपी भी तैयार कर रही है। एसओपी तैयार होने के बाद उसी के अनुसार सभी प्रावधान किए जाएंगे। इस पर अदालत ने सरकार को 22 जनवरी तक एसओपी पेश करने और जेल मैनुअल में बदलाव की पूरी जानकारी की मांग की है। सुनवाई के दौरान जेल आईजी की ओर से रिपोर्ट पेश की गयी। इसमें बताया गया कि रिम्स प्रबंधन ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लालू प्रसाद को निदेशक बंगले में शिफ्ट किया था। इस पर कोर्ट ने कहा कि रिम्स प्रबंधन ने लालू को निदेशक बंगले में शिफ्ट करने के लिए इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई। कोर्ट ने कहा कि रिम्स प्रबंधन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि लालू प्रसाद को निदेशक बंगले में शिफ्ट करने के पहले और कौन से विकल्पों पर विचार किया था तथा निदेशक बंगले को ही क्यों चुना गया। रिम्स निदेशक को कुछ और विकल्पों पर गौर करते हुए नियमों और प्रावधानों के अनुसार ही निर्णय लेना चाहिए था। लालू के वकील देवर्षि मंडल के अनुसार सरकार ने अदालत को बताया कि जेल मैनुअल में अमेंडमेंट किया जायेगा। कोर्ट ने 22 जनवरी तक राज्य सरकार और जेल प्रबंधन से एसओपी मांगा है। उल्लेखनीय है कि लालू के जेल में रहते हुए लगातार जेल मैनुअल का उल्लंघन का मामला सामने आया था। कुछ दिनों पूर्व एक ऑडियो भी वायरल हुआ था। जिसमें लालू की ओर से कथित तौर पर बिहार के एक विधायक को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही थी। इसके बाद भाजपा के एक नेता की ओर से झारखंड हाइकोर्ट में पीआईएल भी दाखिल किया गया था। हिन्दुस्थान समाचार/ विकास-hindusthansamachar.in

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