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हाईकोर्ट ने कहा- कम से कम मरने वालों को तो शांति प्रदान कीजिए

12/04/2021 रांची, 12अप्रैल (हि.स.)। झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मौजूदा हालात हेल्थ इमरजेंसी जैसे हैं। इसे मजाक में नहीं लिया जाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने टिप्पणी की कि कम से कम मरने वालों को तो शांति प्रदान करने की व्यवस्था कीजिए। अदालत ने सिविल सर्जन के गलत बयानी पर नाराजगी जताई। साथ ही अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए सख्त हिदायत दी कि अदालत के समक्ष भूल से भी गलत बयानी न करें। यह अपराध की श्रेणी में आता है। अदालत ने कहा कि सिविल सर्जन की कार्यप्रणाली के चलते चीफ जस्टिस को कोरोना संक्रमण के खतरे में डाल दिया है। अदालत ने कहा कि पांच अप्रैल को उनके आवास के कर्मियों का सैंपल लिया गया था। लेकिन नौ अप्रैल को जांच के लिए भेजा गया है। अदालत इस बात को लेकर भी नाराज था कि सिविल सर्जन ने कहा कि रिम्स सैम्पल नहीं ले रहा है। जबकि रिम्स ने कहा कि उनको सैंपल नहीं ही भेजा गया है। सुनवाई के दौरान झारखंड के स्वास्थ्य निदेशक और सदर अस्पताल के सिविल सर्जन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष उपस्थित हुए। अदालत ने मंगलवार को इस मामले में सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव, रांची डीसी, रिम्स निदेशक, रांची नगर निगम के अपर नगर आयुक्त और सिविल सर्जन को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि हमें लगा था कि सरकार कोरोना के पहले फेज से सबक लेकर चेत गयी होगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं सिविल सर्जन द्वारा अदालत में दिये गये एफिडेविट पर विरोधाभास दिखने पर हाईकोर्ट ने कहा कि अगर राज्य के चीफ जस्टिस का आवास कोरोना की जद में है, तो सिविल सर्जन की भूमिका घोर अनदेखी करने वाली प्रतीत होती है। गवर्निंग बॉडी की बैठक नहीं होने के कारण खरीदारी नहीं हो पायी। रिम्स में उपकरण खरीद पर स्वास्थ्य सचिव ने अदालत को बताया कि गवर्निंग बॉडी की बैठक नहीं होने के कारण खरीदारी नहीं हो पायी। इस पर अदालत ने कहा कि कोर्ट के द्वारा दो दिनों के अंदर सीटी स्कैन मशीन की खरीदारी पर निर्णय लेने के लिए कहा गया था और इसका मतलब दो दिन ही होता है। स्वास्थ्य सचिव ने कोर्ट को बताया कि झारखंड में 18 मार्च को सेकेंड वेब शुरू हुआ। अब तक 13933 एक्टिव के राज्य भर में पाये गये हैं। विभाग कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। रोजाना राज्य में 30,000 टेस्टिंग की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/ विकास

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