अपडेट: एक बार फिर हेमंत सोरेन ने केन्द्रीय कोयला मंत्री के समक्ष  कोल इंडिया लिमिटेड के साथ-साथ अन्य कोयला खनन  कंपनियों पर झारखण्ड सरकार की 65 हजार करोड़ बकाया राशि के भुगतान का मुद्दा उठाया।
अपडेट: एक बार फिर हेमंत सोरेन ने केन्द्रीय कोयला मंत्री के समक्ष कोल इंडिया लिमिटेड के साथ-साथ अन्य कोयला खनन कंपनियों पर झारखण्ड सरकार की 65 हजार करोड़ बकाया राशि के भुगतान का मुद्दा उठाया।

अपडेट: एक बार फिर हेमंत सोरेन ने केन्द्रीय कोयला मंत्री के समक्ष कोल इंडिया लिमिटेड के साथ-साथ अन्य कोयला खनन कंपनियों पर झारखण्ड सरकार की 65 हजार करोड़ बकाया राशि के भुगतान का मुद्दा उठाया।

रांची, 30 जुलाई (हि.स.) । केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी गुरूवार को एक दिवसीय दौरे पर रांची पहुंचे । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अध्यक्षता में झारखंड राज्य में कोयला खनन से सम्बंधित विभिन्न विषयों पर एक हम बैठक हुई। बैठक में केन्द्रीय कोयला प्रह्लाद जोशी के साथ केन्द्रीय मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल हुए । रांची दौरे पर पहुंचे केंद्रीय कोयला मंत्री सीएम हेमंत सोरेन के साथ बैठक में कॉमर्शियल माइनिंग के मुद्दे पर सीएम सोरेन के साथ चर्चा की । उन्होंने झारखंड के साथ कोल माइंनिंग के मसले पर गतिरोध को समाप्त करने की भी कोशिश की । जोशी ने कहा कि कोल माइनिंग को लेकर झारखंड के सीएम ने जो समस्या रखी है उसपर केन्द्र सकारात्मक कदम उठाएगी। बैठक में मुख्यमंत्री ने कोल इंडिया लिमिटेड के साथ-साथ अन्य कोयला खनन करने वाली कंपनियों पर झारखण्ड सरकार की बकाया 65 हजार करोड़ रूपय की राशि के भुगतान का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। आज उसी सिलसिले में उन्होंने प्रह्लाद जोशी के समक्ष भी अपनी पुरानी माँग को दोहराई। हालाँकि आज की चर्चा सिर्फ कोल इंडिया लिमिटेड पर केन्द्रित थी एवं उसमें भी सिर्फ दिनांक 01-04-2009 से 31-03-2019 के बीच के बकाये पर चर्चा करने में रुची दिखाई गयी। राज्य सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन ने पूरी मुस्तैद तरीके से अपनी बात रखते हुए कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा दिनांक 01-04-2009 से 31-03-2019 के बीच अधिग्रहीत की गयी 14296 एकड़ सरकारी भूमि के एवज़ में 5439 करोड़ रूपये तथा 5298 एकड़ जंगल-झाड़ी भूमि हेतु 2787 करोड़ रुपए के भुगतान का मुद्दा उठाया गया। कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा आज तक जितनी भी जमीन खनन के लिए ली गयी है उसकी कीमत का भुगतान राज्य सरकार को नहीं किये जाने पर मुख्यमंत्री ने अपनी नाराजगी भी दर्ज की। मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखते हुए कहा कि लगातार मुनाफ़ा कमा रही कोल इंडिया लिमिटेड को झारखण्ड का बकाया राशि भुगतान करने में इतनी देरी क्यों हो रही है । आखिर इतना बकाया होने की स्थिति में आगे इन कंपनियों को खनन कार्य कैसे करने दिया जा सकता है । काफी गहमागहमी के बीच राज्य सरकार के सख्त तेवर को देखते हुए तत्काल व्यवस्था करते हुए केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 250 करोड़ रूपये का चेक माननीय मुख्यमंत्री को सौंपा एवं शेष राशि के भुगतान पर भी सहमती दी। द्विपक्षीय चर्चा के बाद निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार कोल इंडिया लिमिटेड को अब तक के कुल बकाया राशि के भुगतान के सम्बन्ध में विस्तृत ब्यौरा भेजेगी जिस पर निर्धारित समयावधि में भुगतान का भी आश्वासन मिला। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री जोशी के समक्ष कोल इंडिया लिमिटेड को मुआवजा एवं पुनर्वास की निति में भी सुधार लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को उचित मुआवजा एवं पुनर्वासन की व्यवस्था करवाए बिना मुनाफ़ा कमाने का अधिकार किसी भी कंपनी को नहीं दिया जा सकता। राज्य में आज अनेकों खदान बंद पड़े हुए हैं एवं इस सम्बन्ध में पूर्व में भी राज्य सरकार द्वारा अपनी बात रखते हुए कहा गया था कि इन खदानों में जमा हुए करोड़ों लीटर पानी का शुद्धिकरण कर खदान के आस-पास के गांवों में उपलब्ध करवाने के काम में खनन कंपनियों को आगे आना चाहिए तथा उत्खनन के बाद ऐसे ही पड़े हुए जमीन पर वृक्षारोपण के कार्य का जिम्मा सम्बंधित खनन कंपनियों को लेना चाहिए। आज पुनः इन बातों पर चर्चा हुई जिसमें केन्द्रीय मंत्री के द्वारा उचित कार्यवाई का आश्वासन भी मिला। मुख्यमंत्री ने कोल कंपनियों के द्वारा च्तवबमेेमक ब्वंस की बिक्री दर के आधार पर रॉयल्टी के भुगतान नहीं होने के कारन राज्य सरकार को हो रहे आर्थिक हानि के मामले को भी उठाया गया जिसपर कोयला मंत्री के द्वारा त्रुटि का निराकरण करते हुए उचित दर से भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की गयी। वहीं बैठक बाद कोयला मंत्री ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं और केंद्रीय अर्जुन मुंडा हम दोनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिले। झारखंड एक कोल बैरिंग एरिया है। यहां कोल इंडिया की तीन कंपनी काम करती हैं। इसमें लैंड एक्विजिशन, ट्रांसपोर्ट चालान एवं रॉयल्टी का का कुछ इश्यूज था जिसे बातचीत से निपटारा कर लिया गया है। जहां तक लैंड एक्विजिशन के कंप्नसेशन का सवाल था। उसमें कुछ कंफ्यूजन था मैंने आज एक निर्णय घोषित किया है कि जो कुछ भी लैंड हमारे पोजिशन में आएगा और ऑलरेडी पोजिशन में है उस लैंड के लिए हम एग्रीकल्चरल लैंड के गाइडेंस वैल्यू के आधार पर राज्य सरकार को तुरंत मुआवजा दे देंगे। फिलहाल हमारे पोजिशन में लगभग 18 सौ एकड़ जमीन हैण् उसकी हम पूरी जानकारी लेकर तुरंत मुआवजा देने की प्रक्रिया को पूरा कर देंगे। मुआवजे के शुरुआत के लिए आज हमने 250 करोड़ और 48 करोड़ अलग-अलग जिलों में जमा भी किया है। साथ ही मुख्यमंत्री से विनती की है कि कॉमर्शियल माइनिंग में राज्य सरकार सहयोग करे। जो भी समस्याएं आएगी उसको मिलकर बातचीत से समाधान कर लिया जायेगा। सीएम हेमंत सोरेन ने भी सकारात्मक संदेश दिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस कोरोना महामारी में भी कोयलाकर्मियों ने देश में कोयले की कमी नहीं होने दी। कोल कर्मियों ने कोल वारियर्स के रूप में काम किया है। उनहोंने घोषणा करते हुये कहा कि कोल कर्मियों की कोरोना से मौत होती है तो कोलकर्मियों को 15 लाख का मुआवजा मिलेगा। झारखंड में वैसी भूमि जो कोल इंडिया के अधीन है। वैसी जमीन का मुआवजा जल्द देने पर भी सहमति बनी। रॉयल्टी के मुद्दे पर भी बात हुई। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने कॉमर्शियल माइनिंग के फायदे बताए वहीं केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सीएम के साथ चर्चा सकारात्मक रही। रांची दौरे पर पहुंचे केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कोयला अधिकारियों के साथ भी बैठक की। केन्द्रीय मंत्री ने घोषणा की कि कोलकर्मियों को कोरोना से मौत पर 15 लाख का मुआवजा मिलेगा। झारखंड में वैसी भूमि जो कोल इंडिया के अधीन है। वैसी जमीन का मुआवजा जल्द देने पर भी सहमति बनी। रॉयल्टी के मुद्दे पर भी बात हुई। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने कॉमर्शियल माइनिंग के फायदे बताए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस कोरोना महामारी में भी कोयलाकर्मियों के कारण देश में कोयले की कमी नहीं हुई है। बैठक में कोल इंडिया, सीएमपीडीआई अधिकारियों के साथ झारखंड के मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, सचिव, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग एवं सचिव खान एवं भूतत्व विभाग तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थें। हिन्दुस्थान समाचार /सबा एकबाल-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in