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कोरोना जांच के लिए नमूना लेने के मामले को लेकर पोस्टमार्टम हाउस के विभागाध्यक्ष गंभीर

रांची, 16 फरवरी (हि. स.)। राजधानी रांची रिम्स अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में मृतकों के परिजनों को खुद ही कोरोना जांच के लिए नमूना लेने के मामले को रिम्स के पोस्टमार्टम हाउस के विभागाध्यक्ष डॉ सीएस प्रसाद ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने मंगलवार कहा कि जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। ऐसी सूचना मिली है। अब जांच के बाद दोषी पर कार्रवाई की जायेगी। गौरतलब है कि रिम्स में गत 10 दिनों से कोरोना सैम्पल लेने के लिए परिजनों को मजबूर किया जा रहा है। कोरोना गार्डन लाइन के तहत यहां किसी भी शव के पोस्टमार्टम से पहले उसकी कोरोना जांच होनी है। इसके बाद पोस्टमार्टम होगा। जानकारी के अनुसार लैब टेक्नीशियन को कोरोना की जांच करनी है। लेकिन अभी ऐसा नहीं किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पोस्टमार्टम हाउस में शव आने के बाद पैथोलॉजी से पारा मेडिकल स्टाफ आकर शव की कोरोना जांच करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। पोस्टमार्टम हाउस में जांच करने वाले स्टाफ परिजनों को ही कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने वाला स्ट्रीप दे देते हैं। इस दौरान मरीज के परिजनों को किसी तरह का किट नहीं दिया जाता है, जिससे यह खतरा बना रहता है कि अगर मृतक कोरोना पॉजिटिव हुआ तो सैंपल लेने वाला भी कोरोना पॉजिटिव हो सकता है। पिछले चार -पांच दिनों में रिम्स में ऐसे मामले आए हैं, जिसमें परिजन शव का सैंपल लेते हुए देखे गए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण-hindusthansamachar.in

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