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विस्तारित कांटाटोली फ्लाईओवर का डीपीआर बनने का मार्ग प्रशस्त

रांची, 17 फरवरी (हि. स.)। विस्तारित कांटाटोली फ्लाईओवर का संशोधित विस्तृत कार्य प्रतिवेदन ( डीपीआर ) बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया । परामर्शी एजेंसी एनएल मालविया प्राइवेट लिमिटेड ने वुधवार को नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे के समक्ष संभाव्यता प्रतिवेदन ( फिजीबिलीटी रिपोर्ट ) का प्रस्तुतिकरण दिया। फिजीबिलीटी रिपोर्ट पर सचिव चौबे ने संतुष्टि दिखायी। इस अवसर पर जुडको के परियोजना निदेशक ( तकनीकी ) रमेश कुमार भी उपस्थित थे। सचिव ने कुछ आवश्यक निर्देश देते हुये जल्द डीपीआर बनाने एवं निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया। पहले कांटाटोली फ्लाईओवार खादगढा बस स्टैंड के सामने से कोकर की ओर शांतिनगर तक बनना था। लेकिन यातायात की समस्या से निजात दिलाने के लिए अब योगदा सत्संग मठ से बहुबाजार ( मेहता चैक ) होते हुये कोकर तक फ्लाईओवर का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया। यही नहीं यातायात बिना प्रभावित किये निर्माण कार्य कराने के लिए प्रीकास्ट सेगमेंटल बाक्स गर्डर प्रणाली से फ्लाईओवर बनाने का निर्णय लिया गया है। अब इसकी लंबाई लगभग 2100 मीटर होगी। फ्लाई ओवर फोरलेन होगा, जिसमें रेलिंग और डिवाइडर लेकर सड़क की चौड़ाई 16.6 मीटर होगी। पूर्व में कराये गये कार्य एवं भूअर्जन के अलावा शेष कार्य में लगभग 187 करोड़ रुपये खर्च का आंकलन परामर्शी द्वारा किया गया है। डीपीआर बनाने के लिए चयनित एजेंसी एलएन मालविया ने फिजीबिलीटी रिपोर्ट में सुगम यातायात के लिए कांटाटोली चौक के जंक्शन के विकास का भी प्रावधान किया है। साथ ही सिरमटोली की तरफ से खादगढा एवं लालपुर आने वाली वाहनों के लिए फ्लाईओवर से कटकर एक लेन बस स्टैंड की ओर मोड़ दिया जायेगा। इसी तरह लालपुर एवं नामकुम से सिरमटोली की तरफ जाने वाली वाहनें बस सटैंड के निकट फ्लाईओवर पर एक अतिरिक्त लेन का प्रावधान किये जाने से निर्बाध आवागमन कर सकेंगी। विस्तारित फ्लाईओवर के निर्माण में न्यूनतम भूमि अर्जन का प्रावधान रखा गया है। लगभग एक एकड़ भूमि का अर्जन किया जा सकता है। सचिव चौबे ने निर्देश दिया है कि यदि संभव हो तो जो भी सीमांत एवं मझोले व्यावसायी प्रभावित होंगे उन्हें योजना के रैंप वाले भाग में पुनर्वासित कराने में सहयोग दिया जाये। फिजीबिलीटी रिपोर्ट संतोषजनक पाये जाने के बाद अब डीपीआर बनने में लगभग दो महीने का समय लगेगा। इसके बाद राज्य सरकार से इस परियोजना के लिए संशोधित प्रशासनिक स्वीकृति लेने एवं अन्य मंजूरी लेने के बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इस कार्य में लगभग तीन महीने लग सकते हैं। इस तरह विस्तारित फ्लाईओवर का कार्य शुरू होने में पांच महीने लग सकते है। फ्लाईओवर का निर्माण कार्य लगभग दो साल में पूरा होगा। बैठक में जुडको के महाप्रबंधक बिरेन्द्र कुमार , सहायक महाप्रबंधक सुशील कुमार , परियोजना प्रबंधक शीतांशु वैभव और उप परियोजना प्रबंधक प्रत्तुयष आनंद उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण-hindusthansamachar.in

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