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ई-समाधान पोर्टल पर अब तक 85.19 फीसदी शिकायतों का निष्पादन : उपायुक्त

धनबाद, 19 मार्च (हि.स.)। आम लोगों की विभिन्न शिकायतों का त्वरित, पारदर्शी एवं समयबद्ध तरीके से निवारण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उपायुक्त उमा शंकर सिंह के निर्देश पर डीएमएफटी-पीएमयू टीम ने विकसित ई-समाधान पोर्टल पर अब तक 85.19 फीसदी शिकायतों का निष्पादन किया गया। पत्रकार वार्ता में ई-समाधान का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए उपायुक्त ने कहा कि विगत 10 नवम्बर, 2020 को इसकी शुरुआत की गई थी। आमजनों की सुविधा के लिए इसमें नया होमपेज विकसित किया गया। इसके माध्यम से शिकायतों के निष्पादन की रियल टाइम स्थिति का अवलोकन कोई भी व्यक्ति बिना लॉग-इन किए कर सकते है। इसमें दर्ज होने वाली शिकायतों की समीक्षा स्वयं उपायुक्त हर 15 दिन पर वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से करते हैं। उपायुक्त के अधीन एक स्पेशल टीम नियमित रूप से सभी शिकायतों की समीक्षा करती है। हर शिकायत के निष्पादन के लिए एक समय सीमा और प्राथमिकता तय करती है। शिकायत की गंभीरता के आधार पर विस्तार से चर्चा करने के लिए शिकायतकर्ता को सीधे जनता दरबार में आमंत्रित कर सकती है। उन्होंने बताया कि ई-समाधान पोर्टल पर 10 नवंबर, 2020 से 18 मार्च, 2021 तक कुल 3277 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसमें 85.19 फीसदी यानी 2792 शिकायतों का निष्पादन कर दिया गया है। निर्धारित मापदंडों के अनुरूप बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए उपायुक्त ने पुलिस विभाग के नोडल पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक सीसीआर जगदीश प्रसाद, धनबाद नगर निगम के नोडल पदाधिकारी कार्यपालक पदाधिकारी मो. अनीस, अंचलाधिकारी गोविंदपुर वंदना भारती, प्रखंड विकास पदाधिकारी गोविंदपुर संतोष कुमार तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी तोपचांची के. के. बेसरा को प्रशस्ति पत्र तथा उपहार देकर सम्मानित किया। साथ ही उपहार स्वरूप रक्तचाप एवं मधुमेह जांच करने की मशीन तथा पल्स ऑक्सिमीटर दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि इस पोर्टल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पता चल जाता है कि कौन अधिकारी कितनी देर के लिए एवं कितने दिनों तक पोर्टल पर लगातार सक्रिय रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुल प्राप्त शिकायतों का 60 फीसदी से अधिक अनुपालन करने वाले विभाग या कार्यालय, निर्धारित समय सीमा में शिकायतों का निष्पादन, समय सीमा से पूर्व शिकायतों का निष्पादन तथा ई समाधान पोर्टल पर सक्रिय रहने वाले पदाधिकारियों को हर माह सम्मानित किया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि कोविड-19 के फैलाव से बचाव के लिए सभी स्तरों पर सार्वजनिक शिकायत निवारण प्रणाली या जनता दरबार पर रोक लगाई गई थी। सुदूरवर्ती क्षेत्र के लोगों को अपनी शिकायतों को लेकर जिला मुख्यालय तक आना पड़ता था, जिससे उन्हें शारीरिक एवं आर्थिक परेशानी भी होती थी। मजदूर वर्ग को अपने एक दिन की मजदूरी खोनी पड़ती थी।अधिकारियों के लिए व्यावहारिक रूप से कई बार आम जनों की शिकायतों के निवारण एवं ट्रैकिंग में परेशानी होती थी। नागरिकों के लिए भी शिकायतों के निवारण और उसकी वास्तविक स्थिति को जान पाना मुश्किल होता था। इन्हीं सब कारणों से ई-समाधान पोर्टल को विकसित किया गया है। पत्रकार वार्ता में उपायुक्त उमा शंकर सिंह, अपर जिला दंडाधिकारी विधि व्यवस्था चंदन कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार, जिला आपूर्ति पदाधिकारी भोगेंद्र ठाकुर, कार्यपालक दंडाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी दीपमाला, अदिति सिंह, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ईशा खंडेलवाल, डीएमएफटी पीएमयू के ऑफिसर सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार /बिमल/चंद्र

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