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तार-तार हुई संवैधानिक पद की गरिमा : मेयर

रांची, 08 जून (हि.स.)। रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) के नियमावली में संशोधन करने से पूर्व राज्यपाल से विचार-विमर्श करना चाहिए था लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसा न कर संवैधानिक पद की गरिमा को तार-तार कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक पद पर हैं। राज्य सरकार की शासन व्यवस्था की मॉनिटरिंग करना उनकी जिम्मेदारी है। सत्ता पक्ष और विपक्ष की बातों को ध्यान में रखते हुए उन्हें संवैधानिक प्राविधानों के तहत राज्य के हित मे निर्णय लेने का अधिकार है। झामुमो ने टीएसी की नियमावली में किए गए संशोधन को लेकर राजभवन पर अमर्यादित आरोप लगाए। उनकी बातों से यह स्पष्ट हो चुका है झामुमो ने सोची-समझी साजिश के तहत टीएसी की नियमावली में संशोधन किया है। मेयर ने कहा कि टीएसी के चेयरपर्सन के लिए मुख्यमंत्री का आदिवासी होने का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है। झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है, लेकिन इस राज्य में सीएम का पद सिर्फ आदिवासी के लिए ही आरक्षित नहीं किया गया है। यदि भविष्य में झारखंड के मुख्यमंत्री गैर आदिवासी होंगे तो क्या वे टीएसी के चेयरपर्सन नहीं हो सकते। झामुमो के इस बयान से बहुत बड़ी आदिवासी विरोधी साजिश किए जाने की बू आ रही है। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण

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