सरकार की गलत नीतियों से डीजल-पेट्रोल के दाम में वृद्धि : रामेश्वर उरांव
रांची, 17 फरवरी (हि. स.)। कांग्रेस के प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष औए मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की मौजूदा स्थिति के अनुसार पेट्रोल-डीजल की कीमत देश में 40 से 42 रुपये रहनी चाहिए थी। लेकिन केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से आज पेट्रोल की कीमत तीन डिजिट में 100 रुपये के करीब पहुंच गयी है। दूसरी तरफ देश में जीएसटी लागू होने के बाद राज्य सरकार के पास राजस्व संग्रहण के दो ही तरीके बचे है। एक वैट और दूसरा उत्पाद टैक्स। उरांव ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार की ओर से देश में एक टैक्स प्रणाली लागू होने के वक्त 14 प्रतिशत क्षतिपूर्ति राशि देने की बात की थी। लेकिन अब केंद्र सरकार कभी मूलधन देने, तो कभी ब्याज नहीं देने की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपनी जरूरतों के मुताबिक नोट भी छाप लेती है, लेकिन राज्य सरकार को वृद्धजनों, विधवा,दिव्यांग और गरीबों के लिए पेंशन व अन्य सामाजिक योजनाओं का संचालन करना है। ऐसे में पैसे की जरूरत पड़ती है। इसके लिए राजस्व जरूरी है। उरांव बुधवार को रांची में अपने आवास पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, राजेश गुप्ता और अमूल्य नीरज खलखो भी मौजूद थे। उरांव ने कहा कि जो लोग यह सवाल उठा रहे है कि चालू वित्तीय वर्ष में विकास योजनाओं की पूरी राशि खर्च नहीं हो पायी। उन्हें यह समझना चाहिए कि कोरोना संक्रमणकाल में सभी लोग अपने घरों में सिमट गये। सरकार की प्राथमिकता लोगों की जान बचाना था और इसमें सरकार को सफलता भी मिली। यदि वे विपक्ष में होते, तो इस तरह का सवाल नहीं नहीं उठाते। उन्होंने कहा कि राजस्व उगाही के कारण सरकार से लोगों को यह जानने का अधिकार है कि पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क सहित अन्य योजनाओं पर कितनी राशि खर्च की गयी। इन योजनाओं का कितने लोगों को फायदा मिला। केंद्रीय मंत्री रामदास आठलवे के बयान पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में उरांव ने कहा कि उनके इस तरह के बयानबाजी से सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता है। उन्होंने बताया कि जब वे 2004 से 2009 तक लोकसभा में थे, तो आठलवे भी उनके बगल में बैठते थे। अब सत्ता के लिए वे एनडीए में शामिल हो गये हैं। बोलचाल की भाषा में कहे, तो पॉलिटकल टमाटर है। जिस समाज से वे आते है। उन्होंने राशन कार्ड के संबंध में पूछे गये एक प्रश्न के जवाब में कहा कि पहली बार उनके शासनकाल में गलत ढंग से राशन लेने वाले लोगों पर एवं लगभग 72 राशन डीलर के ऊपर प्राथमिकी दर्ज की गयी। वहीं राज्य में अबतक दो लाख लोगों ने राशन कार्ड सरेंडर किया है उन्होंने कहा कि जो लोग राशन कार्ड लेने के योग्य नहीं है, वैसे लोगों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करे। इससे पहले उन्हें अपना राशन कार्ड सरेंडर कर देना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण-hindusthansamachar.in