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शहीद आंदोलनकारियों के आश्रितों और आंदोलन में विकलांग हुए लोगों को सरकारी नौकरी में सीधी भर्ती

रांची, 25 फरवरी (हि.स.)। झारखण्ड राज्य अलग होने के 20 साल बाद अब अलग राज्य निर्माण के लिए आंदोलन करने वाले आंदोलनकारियों को राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती देने का फैसला गुरूवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया है। सीधी भर्ती लिए रिटायर्ड भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन भी किया जायेगा। आयोग प्राप्त आवेदनों के आधार पर दस्तावेजों की जांच कर आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों को चिन्हित करेगा। कौन होंगे लाभुक राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए नियमानुसार अलग झारखण्ड राज्य की मांग करने वाले शहीद आंदोलनकारियों के आश्रितों को अब सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती दी जाएगी। साथ ही, पुलिस की गोली से घायल 40प्रतिशत तक दिव्यांग हुए आंदोलनकारियों के आश्रितों को भी इसका लाभ दिया जाएगा। आंदोलनकारी-उनके परिवार के एक सदस्य को 7000 तक का मासिक पेंशन सरकार शहीद परिवार के एक सदस्य को 7000 तक का मासिक पेंशन भी देगी। इसके अतिरिक्त पुलिस की गोली से 40प्रतिशत तक दिव्यांग हुए शहीद के आश्रितों को भी पेंशन दिया जाएगा। आंदोलन के दौरान कुछ आंदोलनकारियों को कई महीने तक जेल में रातें गुजारनी पड़ी थीं, ऐसे आंदोलनकारियों या उनके परिवार के किसी एक सदस्य को भी इस योजना के तहत पेंशन का लाभ दिया जाएगा। सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण का भी लाभ सरकार ने यह फैसला लिया है कि लाभुकों को सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत तक का क्षैतिज आरक्षण भी दिया जाएगा। इसके तहत सरकार द्वारा विभिन्न सरकारी नौकरियों में लाभुकों के लिए पात्रता के आधार पर वर्गवार सीटें भी आरक्षित की जाएंगी। हिन्दुस्थान समाचार /वंदना

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