रांची, 09 जनवरी (हि. स.)। अखिल भारतीय कांग्रेस के निर्देशानुसार कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ और पिछले 73 वर्षों में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि को लेकर 15 जनवरी को प्रदेश मुख्यालय पर किसान विरोधी दिवस मनाया जाएगा। साथ ही राजभवन का घेराव किया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता ने शनिवार को बताया कि भारत के 62 करोड किसान निरंकुश मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहे हैं। कृषक जीवन और आजीविका के लिए करोड़ों किसान पिछले 45 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। उत्तर भारत में शीतलहर, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण 60 किसानों ने अपना जीवन खो दिया है। वहीं घमंडी भाजपा सरकार किसानों की पीड़ा से बेखबर है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार जान बूझकर आठ दौर की किसानों की वार्ता को निर्मूल विफल कर तीन काले कानूनों को बिना निरस्त किए प्रदर्शनकारी किसानों को थकाने की नीति अपनाई हुई है। वहीं दूसरी तरफ 73 वर्षों में डीजल और पेट्रोल की बेतहाशा वृद्धि किसानों व आम लोगों के दुखों पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिवों की संपन्न हुई बैठक में यह फैसला हुआ है कि 15 जनवरी को किसान अधिकार दिवस के तहत व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण-hindusthansamachar.in