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केंद्र सरकार कोल्ड स्टोरेज के निर्माण सहित बागवानी के लिए देती है वित्तीय सहायता : मंत्री

रांची, 26 मार्च (हि. स.)। रांची के सांसद संजय सेठ ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान किसानों की समस्याओं के संबंध में प्रश्न किए। उन्होंने कहा कि किसानों को पर्याप्त भंडारण की कमी के कारण फल, सब्जियां खासकर टमाटर की खेती करने वालों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने जानना चाहा कि रांची जिले में कितने कोल्ड स्टोरेज हैं और उनकी क्षमता क्या है। सरकार द्वारा किसानों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। सेठ के सवाल पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि झारखंड में 5084 मीट्रिक टन क्षमता वाले कुल 47 कोल्ड स्टोरेज हैं। इसमें सिर्फ रांची में 4692 मीट्रिक टन के छह कोल्ड स्टोरेज संचालित हैं। राज्य सरकार द्वारा किसानों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। उसकी जानकारी राज्य सरकार द्वारा केंद्र को नहीं दी गई है। जबकि केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न स्कीम के तहत झारखंड सहित देश भर में फसल उत्पादन के बाद जल्दी खराब होने वाले फल एवं सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग समेकित बागवानी मिशन ( एमआईडीएच) द्वारा यहां क्रियांवित किया जा रहा है। जिसके तहत कोल्ड स्टोरेज के निर्माण सहित बागवानी के लिए वितीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके लिए सामान्य क्षेत्र में परियोजना के लागत के 35 प्रतिशत की दर से और पहाड़ी तथा अनुसूचित क्षेत्र में परियोजना के लागत पर 50 प्रतिशत की दर से क्रेडिट लिंक बैंक एडेड सब्सिडी के रूप में सहायता उपलब्ध कराया जाता है। यह स्कीम झारखंड सहित सभी राज्यों में लागू है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय बागवानी तथा गैर बागवानी द्वारा फसलों के उत्पादन के बाद फसल को कम नुकसान हो तथा किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत स्कीम चलाई जा रही है। इस स्कीम के तहत मंत्रालय भंडारण और परिवहन अब संरचना के लिए समान क्षेत्र के लिए 35 प्रतिशत की दर से और पूर्वतर राज्य, हिमालयी राज्यों आईटीडीपी क्षेत्र के लिए 50 प्रतिशत की दर से एकीकृत शीत परियोजना की स्थापना के लिए प्रति परियोजना 10 करोड़ रुपया के अधिकतम सहायता अनुदान के अध्याधीन फॉर्म गेट से उपभोक्ता तक बिना किसी रुकावट के इरेडिएशन सुविधा सहित मूल्य वर्धन और प्रसंस्करण अब संरचना के लिए क्रम 50 प्रतिशत और 75 प्रतिशत की दर से वित्त सहायता प्रदान करता है। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण

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