भाजपा नेताओं को वित्तीय हालात पर कुछ भी कहने का नैतिक अधिकार नहीं : कांग्रेस
रांची, 17 जनवरी (हि. स.)। झारखंड कांग्रेस ने भाजपा विधायक अमित मंडल की ओर से राज्य में पिछले एक वर्ष में राजस्व संग्रहण में आयी कमी पर उठाये गये सवाल पर पलटवार किया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता ने रविवार को कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार के कार्यकाल में जब पूरे देश का जीडीपी घटकर माइनस 23 प्रतिशत पर जा पहुंचा, उस पार्टी के नेताओं को वित्तीय हालात पर कुछ भी कहने का नैतिक अधिकार नहीं हैं। अगर रघुवर काल में वित्तीय प्रबंधन दुरुस्त था तो खजाना खाली क्यों था। एक ओर केंद्र की भाजपा सरकार ने कोरोनाकाल में झारखंड को समय पर जीएसटी के बकाया भुगतान में आनाकानी करती। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार के कहने पर आरबीआई ने झारखंड सरकार के खाते से डीवीसी के बकाया भुगतान के नाम पर 2100 करोड़ रुपये काटने का काम किया, लेकिन भाजपा नेताओं का मुंह केंद्र सरकार की इस नाइंसाफी पर एक भी नहीं खुला। वहीं तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद झारखंड सरकार ने अपने खाते से किसानों की कर्जमाफी कर न सिर्फ चुनावी वायदे को पूरा किया, बल्कि कोरोना संक्रमण काल में मनरेगा के माध्यम से रिकॉर्ड मानव दिवस सृजन कर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का काम किया। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण-hindusthansamachar.in