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हेमंत सरकार में जमीन से लेकर खनन माफिया तक सक्रिय : रघुवर दास

रांची, 22 जनवरी (हि. स.)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है। शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दास ने कहा कि सरकार खजाना खाली होने का बहाना बनाती है, लेकिन उपलब्धियां गिनाने के लिये करोड़ों खर्च कर रही है। मैंने अपने कार्यकाल में ऐसा कभी नहीं किया। 13 महीने की सरकार ना तीन में है और ना ही तेरह में। यह एक कमजोर, अक्षम और बुद्धिमता की कमी वाली सरकार है। दास ने कहा कि कमजोर सरकार किसी भी विषय पर फैसला नहीं ले सकती है। तीन महीने में बेरोजगारी भत्ता, पारा शिक्षक, संविदा पर काम कर रहे लोगों के साथ न्याय करने का वादा करने वाली सरकार ने 13 महीने में कुछ नहीं किया। विकास कार्य के लिये धन का अभाव का रोना रोने वाली सरकार के पास सत्ता की सुख-सुविधा के लिये पैसे हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि राज्य में अपराधी और उग्रवादी अपना काम कर लेते हैं. राजभवन की दीवार तक पर उग्रवादी पोस्टर चिपका जाते हैं. लेकिन सरकार कुछ नहीं कर पाती है. वर्तमान सरकार में जमीन माफिया से लेकर खनन माफिया तक सभी सक्रिय हैं. दुमका में एक हजार ट्रक पत्थर पकड़ा जाता है और छोड़ दिया जाता है. जंगल की कटाई लगातार जारी है. झारखंड भवन के बदले 6 लाख के कमरे में ठहरते हैं सीएम रांची से दिल्ली के लिये 17 फ्लाइट्स होने के बावजूद मुख्यमंत्री चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली गए। दिल्ली में झारखंड भवन है पर मुख्यमंत्री वहां नहीं ठहरते। दिल्ली के आंनद निकेतन में छह लाख के कमरे में ठहरते हैं। राज्य में अपराधी और उग्रवादी अपना काम कर लेते हैं। राजभवन की दीवार तक पर उग्रवादी पोस्टर चिपका जाते हैं। लेकिन सरकार कुछ नहीं कर पाती है। वर्तमान सरकार में जमीन माफिया से लेकर खनन माफिया तक सभी सक्रिय हैं। दुमका में एक हजार ट्रक पत्थर पकड़ा जाता है और छोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जंगल की कटाई लगातार जारी है। पुलिस तंत्र के दम पर राज्य में राज किया जा सकता है पर जनता के दिलों में नहीं। रांची में संविदाकर्मियों पर लाठीचार्ज पर सवाल उठाते हुए दास ने कहा कि पारा शिक्षकों के मामले में भी पिछली सरकार ने नियमावली बनाने से लेकर कल्याण कोष बनाने का काम किया था, लेकिन वर्तमान सरकार इसे कैबिनेट में नहीं ला सकी। भाजपा की सरकार से बेहतर काम के लिये गठबंधन की सरकार बनी थी, पर सब कुछ धूमिल हो गया। लोहरदगा में दंगा इस सरकार की उपलब्धि है। हमारी सरकार में एक भी ऐसी घटना नहीं हुई। उपद्रवी शायद मुख्यमंत्री और मंत्री के ही लोग थे। उन्होंने कहा कि इस सरकार में महीने में एक कैबिनेट की बैठक होती है और एक बार में 62 संलेख लाये जाते हैं। रेडी टू इट के माध्यम 39 हजार सखी मंडल की सदस्य जुड़ी थी। टेक होम राशन से महिलाओं को आर्थिक फायदा भी मिल रहा था। हर साल 500 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन था। लेकिन वर्तमान सरकार ने टेंडर करने का निर्णय लिया है। टेंडर उसी कंपनी को देने की चर्चा है, जिसने अंडमान-निकोबार से मजदूरों का राज्य लाया था। इस सरकार से सत्तापक्ष के विधायक तक संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वसूली करने वाली पार्टी है। झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह पर पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने वसूली का आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल चुनाव के लिये कांग्रेस मुद्रा मोचन कर रही है। इसी काम के लिये सीएम हेमंत सोरेन दिल्ली गए थे। किसानों की चिंता इस सरकार को नहीं है। किसानों के साथ कर्जमाफी के नाम पर भद्दा मजाक किया गया। फिर से मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना शुरू होनी चाहिए। सरकार को आलोचना सुननी चाहिए। लोकतंत्र में सत्ता आती-जाती रहती है। कोरोना का रोना सरकार रोते रही। सीएम के काफिले पर हमले के मामले में झूठा मुकदमा दर्ज किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण-hindusthansamachar.in

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