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नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीयता का समग्र बोध: डाॅ सुबास साहू

खूंटी, 24 मार्च(हि .स.)। भारतीय शिक्षण मंडल एवं नीति आयोग तथा झारखंड शिक्षा परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षकों की भूमिका विषय पर आदर्श विद्यालय खूंटी के सभागार में बुधवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिले के 100 विद्यालय सरकारीए अल्पसंख्यक व निजी विद्यालयों के प्रभारी शिक्षक एवं जिले के सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारीए प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नलिनी रंजन ने स्वागत भाषण करते हुए विषय प्रवेश कराया। कार्यशाला के मुख्य वक्ता डाॅ सुबास साहू, भारतीय शिक्षण मंडल के झारखंड प्रांत सदस्य ने कहा कि 30 वर्षों के बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है, जो बहुत ही सरल है। इसमें प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में बच्चों को शिक्षा देने की बात कही गयी है, जिससे बच्चों में पढ़ने के प्रति अभिरूचि बढ़ेगी। डॉ साहू ने कहा कि भारतीय शिक्षण मण्डल द्वारा विगत दशकों के अथक प्रयास का प्रतिफल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति है। इस शिक्षा नीति का डोक्यूमेंटेशन इसरो के कस्तूरी रंजन जी के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा सरकार को सौंपा गया । उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाखों लोगों के सुझाव व डोक्यूमेंटेशन को समाहित करते हुए भारतीय शिक्षण मण्डल के 80 सदस्यों के सुझावों को समाहित करते हुए बनाई गई है। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की 5़3़3़4 फार्मूले को तथा 0 से पीएचडी तक के पढ़ाई को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति अब तक की सबसे अच्छी शिक्षा नीति है। डॉ साहू ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीयता का समग्र बोध होगा। इस नीति में मातृभाषाध्अपनी माय भाषाए घर की भाषा में शिक्षा देने की बातें हैं। इस नीति में राष्ट्र की समग्र विकास की बातें है। शिक्षक समाज के दर्पण होते हैं। नई शिक्षा नीति को लागू कराने में शिक्षकों की अहम भूमिका होगी। कार्यक्रम का संचालन प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी कर्रा नरेन्द्र कुमार सिंह व धन्यवाद ज्ञापन कुलदीप सोय ने किया। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल

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