34 वर्ष बाद देश की शिक्षा नीति में परिवर्तन स्वागत योग्य : आजसू
34 वर्ष बाद देश की शिक्षा नीति में परिवर्तन स्वागत योग्य : आजसू

34 वर्ष बाद देश की शिक्षा नीति में परिवर्तन स्वागत योग्य : आजसू

रांची, 30 जुलाई (हि. स.)। अखिल झारखण्ड छात्र संघ (आजसू) ने 34 वर्षों के बाद देश की शिक्षा नीति में परिवर्तन को स्वागतयोग्य कदम बताया है। केंद्र सरकार के द्वारा नई शिक्षा नीति को मंजूरी देने से शिक्षा के क्षेत्र में कई सकारत्मक बदलाव आएंगे जिसका लाभ सभी वर्गों के छात्र छात्राओं को मिल सकेगा। नई शिक्षा नीति वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप अनुरूप है और राष्ट्रकेंद्रित शिक्षा, गुणवत्ता, समानता और कौशलपूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर आधारित है। आजसू के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सिंह ने नई शिक्षा नीति पर प्रतिक्रिया देते हुए गुरुवार को कहा कि पांचवी कक्षा तक अनिवार्य रूप से क्षेत्रीय एवं मातृभाषा में शिक्षा देने को बढ़ावा देने का प्रावधान स्वागत योग्य कदम है। इस पहल से बच्चे अपने मूल संस्कृति के जुड़ाव रख सकेंगे। शिक्षा नीति कला, विज्ञान, शैक्षणिक, अकादमिक और व्यवसायिक शिक्षा में विभेद समाप्त करने में उपयोगी साबित होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति में भारतीय जीवन मूल्यों, परम्पराओं और भारतीय भाषाओं के प्रोत्साहन के साथ उच्च शिक्षा का सामंजस्य समर्थ, गौरवशाली एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण/ सबा एकबाल-hindusthansamachar.in

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