रांची, 23 दिसम्बर (हि. स.)। झारखंड कांग्रेस ने कहा है कि रांची के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो की हेमंत सोरेन सरकार में ईसाई समुदाय को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व दिये जाने की मांग सर्वदा उचित है और लोकतंत्र में अपनी विचार प्रकट करने का उन्हें पूरा अधिकार प्राप्त है। पार्टी इसका समर्थन करती है और इनकी भावनाओं का पूरा सम्मान करती है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता ने बुधवार को कहा कि मंत्री पद का विषय पूरी तरह से मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार का मसला है। इसलिए पार्टी या कोई अन्य संगठन इस मसले पर सिर्फ आग्रह ही कर सकता है। इस तरह के आग्रह को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। हर वर्ग और समुदाय की सरकार से अपनी मांग होती है और वह अपनी बात रखने को पूरी तरह से स्वतंत्र है। प्रवक्ताओं ने कहा कि भाजपा का यह बयान पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण है कि झारखंड में चर्च के कुछ पदाधिकारी राजनीतिक हस्तक्षेप करते है, जबकि सच्चाई है कि इस तरह की मांग विभिन्न संगठनों की ओर से समय-समय पर की जाती रही है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में रघुवर दास सरकार में अल्पसंख्यक व इसाई धर्मावलंबियों के साथ भेदभाव आम बात थी। उनके हक और अधिकार पर कुठाराघात किया जा रहा था। लेकिन अब गठबंधन सरकार में सभी वर्गों का समुचित विकास संभव हुआ है। चुनाव के दौरान भी भाजपा ने चर्च की भूमिका पर कई सवाल खड़े किये थे, लेकिन खूंटी, सिमडेगा और गुमला जिले में भाजपा नेताओं की अपील को क्षेत्र की जनता ने खारिज कर दिया था। हिन्दुस्थान समाचार/कृष्ण-hindusthansamachar.in