सुभाष स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम व मिनी स्टेडियम मंे हुए काम बरती गई भारी अनियमिताएं: बवोरिया
सुभाष स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम व मिनी स्टेडियम मंे हुए काम बरती गई भारी अनियमिताएं: बवोरिया

सुभाष स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम व मिनी स्टेडियम मंे हुए काम बरती गई भारी अनियमिताएं: बवोरिया

उधमपुर, 12 सितम्बर (हि.स.)। जन संघर्ष संस्था के प्रधान एवं आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट संजीत बवोरिया ने जम्मू कश्मीर खेल विभाग पर सुभाष स्टेडियम में बने इंडोर स्टेडियम, सुभाष स्टेडियम के अधूरे पड़े पैवेलियन तथा मिनी स्टेडियम में बने चेंजिंग रूम व शौचालयांे में नियमों को ताक पर रखने का आरोप आरटीआई के जरिए प्राप्त जानकारियों से लगाया है। इसको लेकर युवाओं में खेल विभाग के प्रति काफी रोष है। एडवोकेट संजीत बवोरिया ने बताया कि जेएंडके खेल परिषद जम्मू की पत्र संख्या एससी/2437-वी/6351-52 तिथि 24 फरवरी 2020 को आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी के मुताबिक उधमपुर के सुभाष स्टेडियम में बने इंडोर स्टेडियम 11,509 वर्ग मीटर है। जिसकी अनुमानित लागत 14,074 करोड़ रूपए थी। आरटीआई के मुताबिक इसकी 20 फीट उंची दीवारों के साथ 10 फीट और हाइट बताई गई है जो कुल मिलाकर 30 फीट हाइट बनती है। उन्हांेने कहा कि कानून के मुताबिक बैडमिंटन कोट की हाइट 39 फीट निर्धारित है अर्थात इस इंडोर स्टेडियम की कम से कम 9 फीट हाइट कम है। स्थानीय खिलाडी भी इसकी हाइट की कमी को लेकर कई बार विरोध भी दर्ज करवा चुके हैं। अर्थात यह इंडोर स्टेडियम नियमों को ताक पर रख कर बनाया गया है, जिसका एस्टिमेट भी सरकार द्वारा मंजूर आर्किटेक्ट की जगह प्राइवेट आर्किटेक्ट से तैयार किया गया। वहीं उन्होंने यह भी बताया कि जिला खेल विभाग के जिला खेल अधिकारी की पत्र संख्या डीवाईएसएसओ/यू/9606-9607 तिथि 24 जनवरी 2020 को आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी के मुताबिक दस वर्ष से दो चेंज रूम व शौचालय को मिनी स्टेडियम उधमपुर में जोेकि तैयार हो चुके हैं वो बिना टैंडर बनाए गए हैं। इसके लिए विभाग ने इसकी डीपीआर तक नहीं भेजी है। अर्थात नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए 13.92 लाख रूपए की लागत से इन चेंजिग रूम का आज तक खिलाडियों को कोई लाभ नहीं मिला है। इसी तरह से पीडब्ल्यूडी आरएंडवी डिवीजन उधमपुर की पत्र सख्या नंबर 9-8/13164-67 तिथि 2 नवम्बर 2016 में आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के मुताबिक सुभाष स्टेडियम उधमपुर में 496 लाख रूपए से बनने वाला पैवेलियन का काम फरवरी 2012 से बंद पड़ा है जोकि 9 महीने में बनना था। जिस पर 34.71 लाख रूपए खर्च भी हुए है। जहां पर भी नियमों को ताक पर रखने के कारण इसका कुछ हिस्सा भी टूट गया था, जिससे काम बंद हो गया है जिसका लोगों को कोई लाभ नहीं हुआ। उन्होंने जिलाधीश उधमपुर, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से इन कार्यों का कड़ा संज्ञान लेने तथा इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वहीं उन्होंने यह भी मांग की कि जल्द से जल्द इन स्टेडियम को तैयार करने के साथ-साथ अनियमिताओं को दूर किया जाए। हिन्दुस्थान समाचार/रमेश/बलवान-hindusthansamachar.in

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