प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को वहाल करने हेतु प्रदेश में पहली बार करवाए जा रहे डीडीसी चुनावों को लेकर माहौल गर्माया
उधमपुर, 4 दिसम्बर(हि.स.)। जम्मू कश्मीर में इस समय चुनावी माहौल गर्माया हुआ है। जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बने एक वर्ष से ज्यादा हो गया है। जहां पर लोकतांत्रिक व्यवस्था को बहाल करने के लिए प्रदेश में पहली बार जिला विकास परिषद के चुनाव कराए जा रहे हैं। यह चुनाव 28 नवम्बर को प्रारंभ हुए थे तथा 19 दिसम्बर को सम्पन्न होंगे जबकि मतों की गिनती 22 दिसम्बर को होगी। वहीं डीडीसी चुनाव में न नुकर के उपरांत आखिर पीपुल एलायंस फाॅर गुपकार डिकलेयरेशन(पी.ए.जी.डी) चुनाव मैदान उतरा है। प्रदेश में 20 जिले हैं। 10 जम्मू संभाग में और 10 कश्मीर संभाग में जबकि इन दोनों संभागों में 280 निर्वाचन क्षेत्र हैं। इनमें जम्मू संभाग में 140 व कश्मीर घाटी में 140 निर्वाचन क्षेत्र हैं, जिससे दोनों संभाग का सत्ता संतुलन बरावर है। इन चुनावों से पूरा राजनीतिक वातावरण बदल जाएगा। नए चेहरे लोगों के समक्ष उभरेंगे। जहां तक उधमपुर जिले का प्रश्न है, इसमें दो चरणों में चुनाव सम्पन्न हो गया है। जहां पर चिनैनी डूडू, बसंतगढ़, घोरड़ी, जगानू, खून, लाटी, मरोठी, मजालता, नरसू, पंचैरी, रामगनर एक, रामनगर-2, टिकरी, उधमपुर एक, उधमपुर-2 कुल 14 निर्वाचन क्षेत्र हैं। इनमें से चिनैनी, टिकरी, डूडू, बसंतगढ़ व लाटी मरोठी महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं जबकि नरसू रामगनर एक, रामनगर दो व उधमपुर दो सुरक्षित रखे गए हैं। घोरडी, खून, मजालता, पंचैरी, उधमपुर-1, पांच क्षेत्र ओपन कैटागिरी में है। चिनैनी 28,583 मतदाता हैं, डूडू बसंतगढ़ में 20,866, घोरडी में 23,677, जगानू में 18,852, खून में 18,319, लाटी मरोठी में 17,744, मजालता में 17,611, नरसू में 18,231, पंचैरी में 27,128, रामनगर एक में 26,176, रामनगर दो में 26,089, टिकरी में 23,684, उधमपुर एक में 25,010, उधमपुर दो में 31,802 मतदाता हैं। उधमपुर जिले में हर सीट पर बहुकोणीय मुकाबला है। यहां पर पैंथर्स पार्टी, भारतीय जनता पार्टी ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैैं जबकि नैशनल कांफ्रैंस व बहुजन समाज पार्टी मिलकर सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि कांग्रेस आठ सीटों के लगभग चुनाव लड़ रही है। जिला विकास परिषद के चुनावों में सभी दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है तथा सभी पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। उधमपुर जिले में सबसे बड़ी बात यही है कि यहां पर कोई भी पूर्व विधायक चुनाव मैदान में नहीं है। सभी चेहरे नए हैं। वहीं इस बार के चुनावों में कोरोना महामारी का असर भी देखने को मिल रहा है। जहां पर चुनावी जनसभाएं बहुत ही कम हो रही हैं। सभी उम्मीदवार घर-घर जाकर मतदाताओं से मिल रहे हैं तथा उन्हें अपने पक्ष में करने में लगे हुए हैं। जिन स्थानों पर नुक्कड़ सभाएं अगर हो रही है तो कोरोना महामारी के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। हर नेता वोटरों को लुभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है। जिले में डीडीसी चुनावों में प्रमुख मुकाबला भारतीय जनता पार्टी व पैंथर्स पार्टी में ही देखने को मिल रहा है। हालांकि दोनों पार्टियों के कई नेता व कार्यकर्ता अपनी-अपनी पार्टियों को छोड़कर एक दूसरे की पार्टी में शामिल हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के चिनैनी-घोरडी के पूर्व विधायक दीनानाथ भगत जोकि काफी समय से भाजपा से नाराज चल रहे थे तथा उन्होंने डीडीसी चुनावों में उनको अहमियत नहीं देने पर भारतीय जनता पार्टी को अलविदा कह दिया लेकिन अभी तक उन्होंने किसी पार्टी को जाइंन नहीं किया जबकि उनका बेटा पैंथर्स पार्टी में शामिल हो गया तथा पैंथर्स पार्टी ने उसे टिकट भी दिया है। इसी तरह से स्वर्ण सिंह ठाकुर जोकि नैशनल कांफ्रैंस पार्टी में थे ने नैंका को छोड़ पैंथर्स पार्टी का दामन थामा था, उन्हें भी पैंथर्स ने टिकट दिया है। इसी तरह कई पैंथर्स पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपना पाला बदला। वहीं दूसरी ओर नैशनल कांफ्रैंस पार्टी तथा कांग्रेस पार्टी की बात की जाए तो दोनों पार्टियां गुटबाजी का शिकार है, जिस कारण उनके कार्यकर्ताओं में डीडीसी चुनावों को लेकर कोई खास उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी डीडीसी चुनावों को बिल्कुल भी हलके में नहीं ले रही है तथा उसके कई बडे़ नेता डीडीसी चुनावों में अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर चुके हैं तथा कई अभी भी आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पैंथर्स पार्टी भी इन चुनावों को हलके में नहीं ले रही है तथा उसने भी एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है। अब तो यह चुनाव नतीजों के उपरांत ही पता चलेगा कि उंट किस करवट बैठता है तथा किसको जीत तथा किसको हार नसीब होती है। हिन्दुस्थान समाचार/रमेश/बलवान-hindusthansamachar.in