अब्दुल्ल व मुफती परिवारों ने जम्मू-कश्मीर को लूटने के सिवाय कुछ नहीं किया-अल्ताफ बुखारी
अब्दुल्ल व मुफती परिवारों ने जम्मू-कश्मीर को लूटने के सिवाय कुछ नहीं किया-अल्ताफ बुखारी

अब्दुल्ल व मुफती परिवारों ने जम्मू-कश्मीर को लूटने के सिवाय कुछ नहीं किया-अल्ताफ बुखारी

जम्मू, 24 नवम्बर (हि.स.)। अब्दुल्ल व मुफ्ती परिवारों ने जम्मू-कश्मीर को लूटने के सिवाय कुछ नहीं किया बल्कि अपने, अपने परिवारों-रिश्तेदारों के लिए धन कमाने का ही काम किया। जम्मू-कश्मीर की जनता इन बातों को अच्छी तरह जान चुकी है और अब इनके किसी भी बहकावे में नहीं आने वाली है। यह बातें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहीं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर रोशनी भूमि घोटाले की जांच कर रही सीबीआई द्वारा किए गए खुलासे में यह स्पष्ट हो गया है कि कैसे इन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर को लूटा है। 25 हजार करोड़ रूपये के रोशनी भूमि घोटाले का हवाला देते हुए ठाकुर ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर की जनता व प्रदेश से दोखा है और इस घोटाले में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रोशनी घोटाले में भी अब्दुल्ला परिवार के नेतृत्व वाली नेशनल कांफ्रेंस व मुफ्ती परिवार की नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की संलिप्ता सामने आई है। इन पार्टियों ने गरीब लोगों की मदद के लिए इस योजना को लागू किया और लाभ खुद उठा लिया। ऐसे ही पता नहीं कितने घोटाले होंगे जिसमें इन परिवारों ने हाथ साफ किए होंगे। आज भी यह परिवार जम्मू-कश्मीर की जनता को गुमराह कर अपनी कुर्सी के लिए अंतिम लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में राजनीतिक दलों के नेताओं, उनके परिवारों-रिश्तेदारों, उनके खास व्यवासियों, नौकरशाहों का नाम आना उनकी संलिप्तता को जाहिर करता है। इन लोगों ने राज्य के संसाधनों को हड़पा है। ठाकुर ने उपराज्यपाल प्रशासन से इस घोटाले में शामिल लोगों के लिए कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गरीबों व बिजली परियोजनाओं के नाम पर यह अधिनियम भूमि अतिक्रमणकारियों को और अधिक अतिक्रमण करने व उन्हें मालिकाना हक दिलवाने के उद्देश्य से ही बनाया गया था। सीबीआई द्वारा किए गए खुलासे से यह साबित हो रहा है कि कब्जाई सरकारी भूमि के स्वामित्व के अधिकार राजनीतिक दलों के नेताओं को दिए गए थे। बता दे कि अब जारी हुई सूची में नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस, उनके परिवार-रिश्तेदार, प्रसिद्ध व्यवसायी और कारोबारियों के अपने व उनके रिश्तेदारों के नाम शामिल हैं जिससे साफ जाहिर होता है कि सह अधिनियम किस उददेश्य से बनाया गया था। हिन्दुस्थान समाचार/बलवान-hindusthansamachar.in

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