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नंगी टेकरी युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण कर स्वर्णिम विजय मशाल का किया स्वागत

जम्मू, 22 मई (हि.स.)। कृष्णा घाटी ब्रिगेड में स्वर्णिम विजय वर्ष के उत्सव को जारी रखते हुए नंगी टेकरी बटालियन द्वारा स्वर्णिम विजय मशाल का स्वागत किया गया। 1971 के युद्ध के दौरान, नंगी टेकरी को 21 पंजाब के बहादुर सैनिकों द्वारा पाकिस्तान से कब्जा कर लिया गया था, जो कि भारतीय सेना की वीरता और साहस की गाथा का प्रतीक था। स्वर्णिम विजय मशाल को रात के लिए बलनोई बेस पर रखा गया था और सुबह नंगी टेकरी की यात्रा फिर से शुरू हुई। रक्षा प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि नंगी टेकरी युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण कर स्वर्णिम विजय मशाल का स्वागत किया गया। 1971 के युद्ध के हमारे सैनिकों के सर्वाेच्च बलिदान को याद करने के लिए नंगी टेकरी बटालियन में 1971 के युद्ध के मैदान की मिट्टी स्वर्णिम विजय मशाल टीम को भेंट की गई। इसके बाद स्वर्णिम विजय मशाल को बाबा गरीब दास अकादमी, सलोत्री ले जाया गया, जहां स्कूल के बच्चों ने इसका स्वागत किया। इसके बाद, स्वर्णिम विजय मशाल दल के साथ जनरल के युद्ध स्मारक, झूला में चले गए जहाँ इसे सरला बटालियन को सौंप दिया गया। स्वर्णिम विजय मशाल को स्वर्गीय सूबेदार सेवा सिंह (11 जेकलाई) की पत्नी श्रीमती गुरुचरण कौर के घर ले जाया गया, जिन्होंने 04 दिसंबर 1971 को पुंछ की रक्षा में डोडा सेक्टर में सर्वाेच्च बलिदान दिया था। स्वर्णिम विजय मशाल अंत में गुलपुर पहुंची जहां सरला युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि दी गई। स्वर्णिम विजय मशाल को रात के लिए गुलपुर में रखा गया है और कल सुबह पुंछ ब्रिगेड क्षेत्र की आगे की यात्रा फिर से शुरू होगी। हिन्दुस्थान समाचार/अमरीक/बलवान

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