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जिला कठुआ में अब तक का सबसे बड़ा दान, किले वाले मंदिर के नाम 100 कनाल से भी अधिक भूमि दान में दी, आवारा मवेशियों के लिए बनेगी गौशाला

कठुआ, 20 फरवरी (हि.स.)। इस देश में दानी सज्जनों की कमी नहीं है, गरीब से गरीब और अमीर से अमीर लोग अपने धर्म के लिए बड़े-बड़े दान करते हैं। इसी की एक जीती जागती मिसाल कठुआ के अधीन पड़ते लखनपुर क्षेत्र के समीप माह पंचायत के दो स्थानीय दानी सज्जनों ने 100 कनाल से भी अधिक भूमि मंदिर के नाम धान कर दी, जहां पर गौशाला का निर्माण किया जाएगा। हालांकि इस भूमि को लेकर कुछ स्थानीय लोगों ने आपत्ति भी जताई लेकिन मौके पर पहुंचे पटवारी और नायब तहसीलदार ने निशान देही करके जगह मंदिर के नाम की। कठुआ के अधीन पड़ती पंचायत माह के थुडू सिंह पुत्र ज्ञान सिंह और मणिमहेश सिंह पुत्र प्रताप सिंह, इन दोनों दानी सज्जनों ने शनिवार को 100 कनाल से भी अधिक भूमि जोकि रावी दरिया के किनारे हैं उसे लखनपुर में स्थित प्रसिद्ध मंदिर काली माता मंदिर के नाम दान में दी। वहीं मंदिर के महंत शांति गिरी जी महाराज की देखरेख में इस भूमि पर आवारा मवेशियों के लिए एक बहुत बड़ी गौशाला का निर्माण किया जाएगा जिसमें लखनपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में मवेशी लावारिस मवेशियों को लाकर रखा जाएगा और उनकी देखभाल की जाएगी। महंत शांति गिरी जी महाराज ने बताया कि गौ रक्षा सबसे बड़ा कर्म है, इसलिए हिंदू सनातन धर्म में गौ माता को पूजा जाता है, इसमें करोड़ों देवताओं का वास है। लेकिन कुछ लोग अपने इस धर्म की मर्यादा को भूल चुके हैं और अपने मवेशियों को बेसहारा सड़कों पर छोड़ देते हैं। यह बेजुबान कभी गाड़ी की चपेट में आते हैं तो कभी इनकी वजह से दुर्घटनाएं होती हैं, इसलिए उन्होंने पहले से ही मंदिर परिसर में एक गौशाला बनाई है। लेकिन मंदिर परिसर में जगह कम होने के चलते इस गौशाला में ज्यादा मवेशियों को नहीं रखा जा सकता, इसलिए इन दो दानी सज्जनों द्वारा मंदिर के नाम दान की गई भूमि पर एक विशाल गौशाला का निर्माण किया जाएगा। जिसमें लखनपुर और उसके आसपास क्षेत्रों में घूम रहे लावारिस मवेशियों को लाकर उनको रखा जाएगा उनकी देखभाल की जाएगी। वही इस अवसर पर शांति गिरी जी महाराज के साथ भक्तों ने गौ माता के जयघोष के नारे लगाए। इस अवसर पर सुरखू राजपूत, दविंद्र सिंह, नरेश शर्मा, प्रदीप कुमार, साहिल, गोल्डी, अमर सिंह सहित कई भक्त मौजूद रहे। हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान

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