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लखनपुर में होर्डिंगो के टेंडरों को लेकर गड़बड़झाला, पिछले कई सालों से अधिकारी किसकी जेबे कर रहे गर्म

कठुआ 6 मई (हि.स.)। लखनपुर में होर्डिंगों को लगाने को लेकर इस बार हो रही टेंडर प्रक्रिया एक बार फिर रद्द कर दी गई। बता दें कि पिछले कई सालों से टेंडर की प्रक्रिया लखनपुर मुंसिपल कमेटी द्वारा नहीं की जा रही है। सूत्रों की माने तो यह टेंडर जम्मू के किसी व्यापारी को पिछले कई सालों से ही दिया जा रहा है इसके लिए मापदंड भी नहीं अपनाए जा रहे। ऐसे में सवाल यह भी है कि इस बार हुई टेंडर प्रक्रिया में सबसे उच्चतम बोली जम्मू के एक ठेकेदार द्वारा रु10लाख से भी ज्यादा की दी गई थी यानी कि 5 सालों के इस टेंडर में कमेटी को 50 लाख से ज्यादा का राजस्व आना था, परंतु कुछ त्रुटियों के चलते इसे रद्द कर दिया गया और अब यह टेंडर प्रक्रिया फिर से करवाई जाएगी। ऐसे में सवाल ये है कि अगर इतना ज्यादा राजस्व इस बार टेंडर प्रक्रिया में ठेकेदारों द्वारा डाला गया है तो पिछले कुछ सालों से टेंडर प्रक्रिया को रुगुपचुप तरीके से ही बाहरी लोगों को देकर कमेटी के कर्मी और अधिकारी आखिर किस की जेबें गर्म करने में लगे हुए थे। इस बार के टेंडर प्रक्रिया में उच्चतम बोली से साफ है कि यहां होर्डिंगों से बेहतर राजस्व वसूला जा सकता है आखिर किसके इशारे पर पिछले कई सालों से टेंडर प्रक्रिया करने के बजाय इसे गुपचुप तरीके से बाहरी लोगों को दिया जाता रहा, यह सीधे तौर पर घोटाला है जिसकी सरकार तो उच्च स्तरीय जांच करवानी होगी। बता दें कि अभी भी लखनपुर में प्राइमलोकेशनों पर अभी भी विज्ञापन लगे हुए हैं, कमेटी के सूत्रों की माने तो पिछले 1 साल से किसी तरह का राजस्व कमेटी को नहीं दिया गया है। साफ है कि पिछले 1 साल से राजस्व किसकी जेब में जाता रहा और लखनपुर कमेटी ने इस पर क्यों चुप्पी साध रखी, इससे कमेटी की मिलीभगत की भी बू आ रही है। वहीं इस संबंध में लखनपुर मुंसिपल कमेटी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि पिछले कई सालों से बिना टेंडर प्रक्रिया के काम एक ही ठेकेदार को दिया जा रहा है और पिछले एक से ठेकेदार ने कमेटी को कोई भी राजस्व नहीं दिया है। वहीं लखनपुर के स्थानीय लोगों और पूर्व अध्यक्ष ने प्रदेश के उपराज्यपाल से मांग की है कि इस पर उच्च स्तरीय जांच की जाऐ। हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान

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