समाज कल्याण विभाग कठुआ ने लाॅकडाउन में 12976 लाभार्थियों के बीच 1.29 करोड़ रुपये की पेंशन का वितरण किया
समाज कल्याण विभाग कठुआ ने लाॅकडाउन में 12976 लाभार्थियों के बीच 1.29 करोड़ रुपये की पेंशन का वितरण किया

समाज कल्याण विभाग कठुआ ने लाॅकडाउन में 12976 लाभार्थियों के बीच 1.29 करोड़ रुपये की पेंशन का वितरण किया

कठुआ, 28 जुलाई (हि.स.)। जिला समाज कल्याण विभाग कठुआ ने लॉकडाउन के दौरान विधवा, वृद्ध और विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों की पेंशन योजना के तहत 12976 लाभार्थियों के बीच 1.29 करोड़ रुपये का वितरण किया है। वृद्धावस्था श्रेणी में, 70 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को वरीयता दी गई, जबकि विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों के मामले में उच्च विकलांगता वाले व्यक्तियों को भी वरीयता दी गई। वहीं आपातकालीन उपाय के तहत विभाग ने पहली बार ईबीटी के बजाय 6470 लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की सुविधा दी। इस बीच, विभाग ने लॉकडाउन के बीच 186 गरीब लड़कियों जिनकी शादियंा रूक गई थी, विभाग ने ऐसी लड़कियों को लगभग 25000 रुपये और 5 ग्राम सोने के मूल्य की सहायता प्रदान की। इसी प्रकार गरीब छात्रों को जो सबसे अधिक लॉकडाउन से प्रभावित हुए हैं, प्री-मैट्रिक (एससी, ओबीसी, पीएचसी, स्वीपर), पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति (प्री-मैट्रिक, पोस्ट- मैट्रिक/मेरिट सह) आधारित छात्रवृत्ति प्रदान की गई। प्री-मैट्रिक श्रेणी के तहत 13955 छात्रों को शामिल किया गया था, जबकि पोस्ट-मैट्रिक श्रेणी के तहत 1018 आवेदन जिला स्तर पर सत्यापित किए गए थे और छात्रवृत्ति के संवितरण के लिए उच्च अधिकारियों को सीधे उनके खातों में भेज दिए गए थे। इसी तरह, अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के 166 आवेदन भी समय के दौरान संसाधित किए गए। विभाग ने जिले के विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों को 23 मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल भी प्रदान किए। बैक टू विलेज, एससी से एससीएपी, बीएडीपी योजनाओं के तहत कई कटिंग और टेलरिंग केंद्र स्थापित किए गए और इन समुदायों के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए परिचालन किया गया। बीएडीपी योजना के तहत, 3 ऐसे केंद्रों की स्थापना हीरानगर, मढ़हीन और नगरी के सीमावर्ती ब्लॉकों में की गई, जहाँ 75 प्रशिक्षुओं का नामांकन किया गया है। दो केंद्र बनी तहसील अर्थात ढगर और लोवांग के पहाड़ी क्षेत्रों में स्थापित किए गए थे जहाँ 50 प्रशिक्षुओं को काटने और सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के तहत, विभाग ने विभिन्न संस्थानों के बीच 1200 कैरियर मार्गदर्शन पत्रिकाएं वितरित कीं ताकि लड़कियों को विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण और पाठ्यक्रमों के अवसरों को मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके। समाज कल्याण विभाग के नारी निकेतन भी जिला प्रशासन के अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के लिए 2000 से अधिक फेस मास्क बनाकर योगदान दे रहा है। 18 लाभार्थियों को व्हीलचेयर, बैसाखी और श्रवण यंत्रों के आकार में कृत्रिम सहायता प्रदान की गई। क्रॉस बॉर्डर फायरिंग/मिलिटेंसी प्रभावित परिवारों के दो बच्चों को 12 वीं कक्षा तक 1250 रुपये की मासिक सहायता और 12 वीं कक्षा तक 1500 रुपये और स्नातक के लिए 1750 रुपये की राशि प्रदान की गई, जो कि 25 वर्ष की आयु तक राष्ट्रीय फाउंडेशन फॉर कम्युनल हार्मनी (एनएफसीएच) के तहत जारी रहेगा। इसी प्रकार राज्य पुनर्वास परिषद समाज कल्याण विभाग के माध्यम से जिले के प्रभावित परिवारों के 9 सदस्यों (5 विधवा, 1 वृद्ध और 3 विकलांग) की पहचान करने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है। समाज कल्याण विभाग की एकीकृत बाल संरक्षण योजना के तहत 57 छात्रों की देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले कई छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई। हिन्दुस्थान समाचार/सचिन/बलवान-hindusthansamachar.in

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