पहले नेगटिव मृत्यु के बाद पाॅजिटिव, परिजनों ने जीएमसी कठुआ पर उठाए सवाल जीएमसी कठुआ प्रिंसिपल ने वैज्ञानिक तर्क देकर किया स्पष्ट
कठुआ 12 मई (हि.स.)। कठुआ के वार्ड नंबर 18 में रहने वाली कांता देवी जिसकी बीते दिनों कोरोना से मृत्यु हो गई, उनके परिजनों ने जीएमसी कठुआ प्रशासन पर नेगटिव पॉजिटिव करने का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है के 9 मई की शाम को कांता देवी किसी कारण वंश बीमार हो गई जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए जीएमसी कठुआ लाया गया। जीएमसी कठुआ ने कांता देवी को दाखिल कर लिया और सबसे पहले उनकी कोरोना जांच की गई, जिसमें उनकी रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई। परिजनों के अनुसार 10 मई सुबह 5 बजे अचानक कांता देवी की मृत्यु हो गई जिसके बाद जीएमसी कठुआ प्रशासन द्वारा मृत्यु के बाद एक फिर से कोरोना जांच की गई जिसमें उनकी रिपोर्ट पाॅजिटिव पाई गई। उसके बाद करोना प्रोटोकॉल के तहत कांता देवी का अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन परिजनों ने आरोप लगाया है कि अगर शाम को जीएमसी में दाखिल करते वक्त कोरोना जांच हुई है उसमें कांता देवी नेगेटिव पाई गई थी, लेकिन ठीक आठ घंटे के बाद जब सुबह उनकी मृत्यु हुई तो उसके बाद जो कोरोना जांच की गई उसमें वह पॉजिटिव पाई गई। उन्होंने जीएमसी प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जीएमसी में नेगटिव पॉजिटिव का खेल खेला जा रहा है, जिसमें ज्यादा से ज्यादा मरीजों को पॉजिटिव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शायद पॉजिटिव करने पर इनको कोई लाभ मिलता होगा। वही परिजनों ने प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से इस मामले की जांच करने की मांग की है कि आखिर नेगटिव पॉजिटिव के खेल में आम जनता क्यों पिस रही है। इसी पर जीएमसी कठुआ की प्रिंसिपल डॉ नादिर भट्ट से बात की गई, जिसपर उन्होंने वैज्ञानिक तर्क देते हुए कहा के अगर कोई भी व्यक्ति अभी कोरोना जांच करवाता है तो उसमें उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है और ठीक एक घंटे के बाद उसी का फिर से टेस्ट करवाया जाए तो उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव भी आ सकती है। उन्होंने बताया जिनके घर के किसी सदस्य की मृत्यु हुई हो, तो उन्हें एैसा लगेगा, लेकिन सत्य यही है कि अगर एक जांच में मरीज की रिपोर्ट नेगटिव आती है तो 1 घंटे के बाद अगर आप उसकी द्वारा जांच करते हैं तो उसमें वह पॉजिटिव हो सकता है। स्वास्थ्य सुविधाओं पर बोलते हुए प्रिंसिपल जीएमसी कठुआ ने बताया कि जीएमसी कठुआ में कोरोना के मरीजों का इलाज बिल्कुल सही ढंग से किया जा रहा है। डॉक्टर और जीएमसी के स्टाफ जी जान लगाकर कोरोना मरीजों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब स्थिति यह आ चुकी है कि जो लोग पॉजिटिव पाए जा रहे हैं उन्हें तो ऑक्सीजन वाला ट्रीटमेंट दिया जा रहा है, लेकिन इसी में कुछ लोग नेगटिव हैं, उनका भी ऑक्सीजन लेवल बहुत कम है और उन्हें भी कोरोना मरीजों वाला ही उपचार दिया जा रहा है। उनका कहने का भाव है कि नेगटिव पाॅजिटिव का कोई मतलब नहीं रहता, जबकि संक्रमण पूरी तरह से फैला हुआ है, एक घंटा पहले नेगेटिव रिपोर्ट वाला घंटे के बाद कभी भी पॉजिटिव हो सकता है। इसलिए उन्होंने आम जनता से भी अपील की है मास्क और समाजिक दूरी जैसे नियमों का पालन करें इसी में हम सबका बचाव है। हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान