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कंडी क्षेत्र में औद्योगिक इकाईयां लगाने के विरोध में विभिन्न गांव के लोगों एक शिष्टमंडल जिला उपायुक्त से मिला

कठुआ, 11 फरवरी (हि.स.)। जिला कठुआ के कंडी क्षेत्र के विभिन्न विभिन्न गांवों के लोगों के एक शिष्टमंडल ने जिला उपायुक्त से मुलाकात की। शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे बरवाल के पूर्व सरपंच पुरुषोत्तम सिंह पोली ने कहा राष्ट्रीय राजमार्ग के ऊपर की तरफ कंडी क्षेत्र इसमें बरवाल, जंडोर, पल्ली, बुद्धि, ठननून, कराखड़ सहित कई अन्य क्षेत्र है जहां पर पिछले कुछ महीनों से सरकार की विभिन्न एजेंसियां दौरा कर रही हैं और उस इलाके की पमाइश कर रही है। उन्होंने कहा की हाल ही में रोशनी एक्ट के तहत यूटी सरकार ने जो गरीब जनता की भूमि जिस पर लोगों ने अनाज फल आदि लगाए थे, सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया और अब उन जगहों पर औद्योगिक इकाइयां बसाने की कोशिश की जा रही है जिसे पूरा नहीं होने देंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में जब देश के प्रधानमंत्री ने सभी को घरों में रहने के लिए एलान किया था उस वक्त कुछ एजेंसियां इसका फायदा उठाकर इन क्षेत्रों का दौरा करने गई और यहां पर औद्योगिक क्षेत्र बसाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आज जिला उपायुक्त से मिलने आए हैं और उनको हम पूछना चाहते हैं कि यह कौन लोग हैं जो रोजाना इन कंडी क्षेत्रों में आकर इन जमीनों की पमाइश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनके कंडी क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयां लगाने की कोशिश कर रही है तो वह भूल जाए। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों ने आज तक उन्हें प्रदूषण के अलावा और कुछ नहीं दिया। वहीं उन्होंने पंचायत गोविंदसर का हवाला देते हुए कहा कि सबसे पहले कठुआ के गोविंदसर में औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई थी और आज गोविंदसर गांव का हाल यह है कि वहां पर ज्यादातर बच्चे विकलांग पैदा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनके कंडी क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयां लगती हैं तो आने वाले समय में इन क्षेत्रों में भी बच्चे विकलांग पैदा होंगे। इसलिए वह अपने आने वाली पीढी के लिए खड्डे नहीं डालना चाहते। उन्होंने कहा कि सबसे पहले औद्योगिक इकाइयंा जिला कठुआ के गोविंदसर, लॉगेट मोड़ और घाटी क्षेत्र में स्थापित की गई हैं लेकिन लाॅगेट में स्थापित की गई इकाइयों आधे से ज्यादा बंद पड़ी हैं मात्र सब्सिडी को हासिल करने के लिए इन इकाइयों को लगवाया जाता है और बाद में इकाइयां बंद हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि कंडी क्षेत्र देश के उन वीर जवानों का क्षेत्र है जिन्होंने आजादी की लड़ाईयों में अपने बलिदान दिए हैं और उनके क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयां लगाकर आने वाली पीढ़ी को बर्बाद नहीं होने देंगे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार इन क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयां लगाने का कोई षड्यंत्र रच रही है तो उसे बंद कर दें नहीं तो इन क्षेत्रों के लोग उग्र प्रदर्शन के लिए उतारू हो जाएंगे। हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान-hindusthansamachar.in

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