कठुआ पंडोरी रूट पर चलने वाली मेटाडोर चालकों और सह चालकों ने यातायात विभाग के खिलाफ किया प्रदर्शन

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कठुआ, 17 मार्च (हि.स.)। कठुआ पंडोरी रूट पर चलने वाली मेटाडोर चालकों और सह चालकों ने आरटीओ विभाग कठुआ द्वारा तानाशाही रवैया अपनाने के खिलाफ नारेबाजी कर रोष व्यक्त किया। चालकों का कहना है कि बीते कल आरटीओ विभाग कठुआ के अधिकारियों ने खड़े वाहनों की जांचकर उनकी गाड़ियों के चालान काटे हैं, जोकि प्रावधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि खड़े वाहनों को चालान करना कहा का कानून है। चालक सोनू कुमार का कहना है कि नगरी से पंडोरी रूट पर करीब 10 गाड़ियां चलती हैं जिनके पास नगरी से पंडोरी तक का परमिट है, लेकिन पनडोरी से आगे मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर 2 पंचायतें धोल्लियंा जटा और कोटपुन्नू पड़ती हैं। जिनके सरपंचों ने मेटाडोर चालकों से संपर्क कर उन्हें बताया कि उनकी पंचायतों में यातायात की कमी के चलते लोगों को दो-चार होना पड़ता है, कई बार लोगों को कठुआ तक जाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वही सरपंचों के कहने पर मेटाडोर चालकों ने अपने परमिट सीमा से अधिक 2 किलोमीटर की दूरी पर इन दोनों पंचायतों को कबर किया। लेकिन जब पंडोरी नगरी रूट की गाड़ियां 2 किलोमीटर आगे जाने लगी, तो किसी ने इनकी शिकायत यातायात विभाग से कर दी। जिसके चलते मेटाडोर चालकों ने परमिट सीमा अनुसार ही गाड़ियों को चलाना शुरू कर दिया था। चालक सोनू ने बताया कि इस पर कार्यवाही करते हुए यातायात विभाग के एआरटीओ और इंस्पेक्टर ने 4 दिन के बाद खड़ी गाड़ियों की जांच करना शुरू कर दी और चालान कर दिए। चालकों का कहना है कि यह सरासर तानाशाही रवैया है अगर हम 2 दिन अपने रूट सीमा से बाहर गए हैं तो मना करने पर चालकों ने आगे जाना बंद कर दिया था, लेकिन उसके बावजूद भी 4 दिन बीत जाने के बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों ने उनकी खड़ी गाड़ियों के चालान कर दिए, जिसका उन्हें रोष है। वहीं आरटीओ कठुआ का कहना है कि पिछले कल उनके विभाग की एक टीम नगरी क्षेत्र में गई थी और मात्र दो गाड़ियों के चालान किए हैं। जिसके चलते चालकों ने प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि अगर चालकों को कोई परेशानी आ रही है जा उन्हें दो किमी. जागे जाने की अनुमति चाहिए थी, तो उन्हें विभाग को लिखित में देना चाहिए था। लेकिन चालकों ने पहले ही प्रदर्शन का रास्ता चुना है। उन्होंने कहा कि गाड़ियों की जांच करना उनके विभाग का काम है और गाड़ियों के दस्तावेजों की जांच तो जरूर होगी। हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान

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