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इंटर स्टेट मूवमेंट बंद के चलते आम जनता को झेलनी पड रही है परेशानियां, गाड़ी बदलने पर चुकाना पड़ता है दुगना चुगना किराया, निजी वाहन और निजी बसों वाले सच्चा झूठा फाॅर्म भरकर करते हैं प्रवेश

कठुआ, 5 फरवरी (हि.स.)। पिछले 1 वर्ष से कोरोना महामारी के चलते जम्मू कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर में इंटर स्टेट मूवमेंट बंद पड़ी है। जिससे आम नागरिकों को आने जाने के लिए कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लखनपुर में बनाए गए कॉरिडोर में बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों के साथ बातचीत की तो उन्होंने बताया कि जहां देश भर में सब खोल दिया गया है, जिसमें स्कूल, सिनेमाघर, मैदान, जिम, रेस्टोरेंट्स आदि सभी को खोलने की अनुमति दे दी गई है। इसी के साथ साथ पूरे देश में इंटर स्टेट मूवमेंट को भी अनुमति दे दी गई है। लेकिन जम्मू-कश्मीर ही मात्र एक ऐसा प्रदेश है जहां पर इंटर स्टेट मूवमेंट बंद है जिसके चलते लोगों को आज भी कई औपचारिकतओं के साथ जम्मू कश्मीर में प्रवेश दिया जा रहा है। महिला यात्री मनीषा शर्मा ने बताया कि पहले पठानकोट से जम्मू तक उन्हें मात्र 150 रूपए किराया खर्च करना पड़ता था, लेकिन आज स्थिति यह है कि 400 से लेकर 500 रूपए तक एक आदमी का खर्च आता है। उन्होंने कहा कि एक तो पहले से ही कोरोना महामारी के चलते लोगों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है। कोरोना के चलते काम रोजगार ठप हो चुके हैं, नौकरियां चली गई हैं। लेकिन उसके बावजूद जम्मू कश्मीर प्रदेश सरकार द्वारा लखनपुर में इस तरह के ड्रामेबाजी से आम लोगों की जेब पर डाका डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि मात्र सरकारी गाड़ियों से आने वालों को ही औपचारिकत पूरी करने को कहा जाता है, लेकिन जो प्राइवेट बसों या निजी गाड़ियों से कटरा जम्मू के लिए जाते हैं उन्हें रात के समय बिना औपचारिकता के साथ ही अनुमति दे दी जाती है। वहीं जम्मू के निवासी किशोर कुमार ने बताया कि वह जम्मू से लखनपुर तक पहुंचे हैं और अब उन्हें पठानकोट के लिए दूसरी बस लेनी पड़ रही है और उसके बाद शाम को फिर से वापस आएंगे और लखनपुर में उतरेंगे और वापस लखनपुर से जम्मू के लिए एक दूसरी गाड़ी को बदलना पड़ेगा। इसके लिए उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और पहले से दोगुना किराया भी भरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर देश भर में अनलॉक हो चुका है और कोरोना वैक्सीन भी उपलब्ध हो चुकी है, तो फिर प्रवेश द्वार लखनपुर में इस तरह की ड्रामेबाजी क्यों की जा रही है। महिला यात्री सीमा देवी ने बताया कि इंटर स्टेट मूवमेंट बंद होने से मात्र गरीब लोगों को ही भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि सरमायादार लोग अपनी निजी गाड़ियों से आते हैं और सच्चा झूठा फार्म भरकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो जाते हैं। लेकिन आम नागरिक जो निजी वाहन की सेवा नहीं ले सकता है, उसे लखनपुर पहुंचकर गाड़ी बदलनी पड़ती है और गाड़ी बदलने के दौरान उसे डेढ़ से दो घंटे लखनपुर कॉरिडोर में रहकर प्रवेश करने की औपचारिकता पूरी करनी पड़ती है। चाहे उस आदमी को जल्दी पहुंचना हो, चाहे कोई आगे बीमार हो, चाहे किसी के रिशतेदार की मृत्यु हो चुकी हो, चाहे किसी को कोई परीक्षा देनी है। ऐसी विभिन्न-विभिन्न परिस्थितियों में लोग लखनपुर पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें लखनपुर में स्थापित किए गए कॉरीडोर में औपचारिकता के नाम पर घंटों माथापच्ची करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि इंटर स्टेट मूवमेंट खोलने से जम्मू कश्मीर में कोरोना बढ़ सकता है तो उन्हें यह सब रोकने के लिए लोगों को सहूलियत भी देनी चाहिए। जैसे कि कोई भी आम आदमी लखनपुर पहुंचता है तो औपचारिकता पूरी करने के बाद उसके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए सरकार का जमा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक तो पहले से ही आम आदमी महंगाई की मार झेल रहा है। अगर वह जम्मू-कश्मीर में आ जा रहा है तो वह उसकी मजबूरी है, एक तो पहले ही उसे पैसे खर्च करके आना पड़ रहा है, ऊपर से गाड़ी बदलने पर उनसे दुगना चुगना किराया वसूला जा रहा है। इससे आम जनता की जेबों पर मार पड़ रही है। यात्रियों और जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों ने जम्मू-कश्मीर यूटी सरकार से अपील की है कि इंटर स्टेट मूवमेंट को जल्द खोला जाए, ताकि आम जनता को हर रोज आने वाली परेशानियों से निजात मिल सके। हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन/बलवान-hindusthansamachar.in

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