गुज्जर समुदाय का शिष्टमंडल जिला उपायुक्त से मिला, सरपंच और बीडीओ बरनोटी के खिलाफ किया प्रदर्शन
कठुआ 14 जनवरी (हि.स.)। गुज्जर समुदाय का एक शिष्टमंडल जिला सचिवालय कठुआ में जिला उपायुक्त ओम प्रकाश भगत से मिलने पहुंचा। जिसमें उन्होंने हाल ही में फॉरेस्ट राइट एक्ट के तहत बनाई गई कमेटियों के गठन पर उन्हें शामिल नहीं करने पर स्थानीय सरपंच और बीडीओ बरनोटी के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। गुरुवार को जिला कठुआ के अधीन पड़ते ब्लॉक बरनोटी के पंचायत जुथाना के गुज्जर समुदाय का एक शिष्टमंडल जिला उपायुक्त से मिलने पहुंचा। वहीं पत्रकारों को संबोधित करते हुए शिष्टमंडल में आए लोगों ने बताया की धारा 370 खत्म होने के बाद फॉरेस्ट राइट एक्ट जम्मू कश्मीर में भी लागू कर दिया गया है जिसके लिए उन्होंने यूटी सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया की गत दिनों फॉरेस्ट राइट एक्ट के तहत एसटी लोगों को शामिल करने के लिए और उन्हें इसकी जानकारी प्रदान करने के लिए पंचायत में कमेटियों का गठन किया गया था, जिसमें उन्हें शामिल ही नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि बरनोटी ब्लॉक के बीडीओ और जुथाना के सरपंच ने बंद कमरे में कुछ चुनिंदा लोगों के साथ मिलकर कमेटी का गठन कर लिया, जबकि फॉरेस्ट राइट एक्ट जिन लोगों के लिए सरकार ने लागू किया है उन्हें इन कमेटियों में शामिल ही नहीं किया। उन्होंने बताया कि फॉरेस्ट राइट एक्ट लागू होने से पहले ही राजनीतिज्ञ की भेंट में चढ़ गया है। उन्होंने बताया कि इसमें कुछ राजनीतिक लोग शामिल हुए हैं जो सिर्फ अपने ही लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए सिर्फ चंद लोगों को ही इस कमेटी में शामिल कर रहे हैं। जबकि जरूरतमंद लोगों को इससे बाहर रखा गया है और ना ही उनके साथ कोई विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह बीडीओ बरनोटी से मिले थे, लेकिन उन्होंने भी इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। जिसके चलते उन्हें मजबूरन जिला उपायुक्त के पास आना पड़ा। उन्होंने बताया कि जिला उपायुक्त से भेंट की है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह बीडीओ बरनोटी और वहां के सरपंच को निर्देश जारी करेंगे कि जिन लोगों को इसका फायदा मिलना चाहिए उन्हें इस कमेटी के सदस्य बनाया जाए। हिन्दुस्थान समाचार/सचिन/बलवान-hindusthansamachar.in