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जम्मू कश्मीर के लिए बजट को कांग्रेस ने बताया कम, कहा लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा बजट

जम्मू, 18 मार्च ( हि स ) । जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश के लिए आवंटित बजट को कम बताया है। उन्होंने कहा कि यह बजट लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मूलाराम, रमन भल्ला, रविंद्र शर्मा, कांता भान, योगेश साहनी, हरि सिंह चिब तथा अन्य नेताओं ने कहा कि जम्मू कश्मीर को ऐतिहासिक राज्य दर्जा से यूटी बनाने के बाद यहां अनिश्चितता का माहौल है तथा इससे व्यापार, परिवहन, पर्यटन, आर्थिक आदि गतिविधियां कुछ हद तक विक्षुब्ध हुई है परंतु इस नए बजट में आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने जैसी कोई बात नहीं की गई है। वहीं वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि पिछले साल की 1.01 करोड की तुलना में इस साल का बजट मात्र 1.08 करोड़ जो कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी, रोजगार के कम अवसर तथा राज्य को प्रदेश बनाने के बाद अपेक्षित नियमित वृद्धि से काफी कम है। उन्होंने कहा की यूटी प्रशासन के कई फैसलों ने स्वरोजगार को भी बेरोजगार बना दिया और कारोबारी माहौल को प्रभावित किया है। सभी प्रकार के व्यापार और पर्यटन गतिविधियां न्यूनतम स्तर पर हैं जबकि मुद्रास्फीति अपने चरम पर है। ऐसे में केंद्र सरकार को आर्थिक स्थिति सुधारने को लेकर काम करना चाहिए था परंतु यह बजट लोगों की आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 1947, 65 और 71 के रिफ्यूजी और विस्थापित परिवारों को प्रति परिवार 30 लाख रुपए देने का वादा किया था परंतु अभी तक इन परिवारों को 5.5 लाख रुपए भी जारी नहीं हुए हैं। उनके शेष भुगतान के लिए कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि 1 लाख से भी ज्यादा दैनिक वेतन भोगी, नीड बेस्ड तथा कैजुअल श्रमिकों का नियमितीकरण तो दूर कई महीनों के उनके लंबित वेतन के लिए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, लंबरदार, चौकीदार और विभिन्न श्रेणी के संविदा कर्मचारी अभूतपूर्व मुद्रास्फीति के कारण अपने वेतन में वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे लेकिन इस बजट में यह सब गायब है। वहीं उन्होंने डीडीसी के लिए 10 करोड़ के प्रावधान को भी कम बताया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए यह राशि पर्याप्त नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार / राहुल / बलवान

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