हिमाचल में डीएसपी, एसडीपीओ और एएसपी की कार्यशैली से डीजीपी नाखुश
शिमला, 04 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू महकमे के डीएसपी एसडीपीओ और एएसपी की कार्यशैली से नाखुश है। पुलिस स्टेशनों के कार्य की देखरेख कर रहे इन अफसरो को अब न केवल खुफिया जानकारी विकसित करनी होगी बल्कि अब एक साल में कम से कम एनडीएडपीएस एक्ट के छह मामलों की जांच भी करनी होगी। पुलिसिंग के क्षेत्र में व्यावसायिकता को जोड़ने के लिए पुलिस महानिदेशक ने यह निर्देंश जारी किए है। डीजीपी ने कहा है कि पुलिस सुपरवाइजर अधिकारी केवल 1 या 2 पुलिस स्टेशनों की देखरेख कर रहे जबकि उनको अपने अधीन आने वाले सभी थाना या चैकी के कार्य की देखरेख करनी होती है। डीजीपी ने कहा कि अभी हाल ही में हाल ही में कांगड़ा और सिरमौर जिलों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने डीएसपी, एसडीपीओ और एएसपी के कार्य को देखा और समझा। पुलिस स्टेशन के काम का पर्यवेक्षण और मार्गदर्शन करने में डीएसपी, एसडीपीओ और एएसपी की कार्यशैली सही नही पाई गई। ऐसे में डीजीपी ने निर्देश जारी किए है कि अब इन अधिकारियो को विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों, हत्या चोरी, चोरी और अन्य संवेदनशील मामलों में जब तक मामला हल नहीं किया जाता है, तब तक एसओ अपराध के शिविर में रहेंगे। वे स्पष्ट और स्पष्ट पर्यवेक्षी नोटों के साथ निरीक्षक और उप निरीक्षकों का मार्गदर्शन करेंगे। इन अािकारियो को एक महीने में कम से कम तीन दिन रात्रि गश्त और खड़े गार्डों पर पुलिस कर्मियों की जाँच करनी होगी और रोजनामचा में स्पष्ट टिप्पणी दर्ज करनी होगी। इसके साथ ही खुफिया जानकारी भी विकसित करनी होगी और व्यक्तिगत रूप से छापे के आयोजन के अलावा जांच से लेकर चालान तैयार करने और निगरानी करने जैसे सभी कार्य करने होंगे। इन अधिकारियों को एक पखवाड़े में पुलिस स्टेशनों पुलिस चैकियों में कम से कम तीन दिन का समय सूर्योदय से सूर्यास्त और पुलिस स्टेशनों पुलिस चैकियों में कम से कम दो रात सूर्योदय से सूर्यास्त में डेरा डालना होगा। हिन्दुस्थान समाचार/उज्जवल-hindusthansamachar.in