विवाहित बेटी भी अनुकम्पा के आधार पर नौकरी की हक़दार: हाई कोर्ट
विवाहित बेटी भी अनुकम्पा के आधार पर नौकरी की हक़दार: हाई कोर्ट

विवाहित बेटी भी अनुकम्पा के आधार पर नौकरी की हक़दार: हाई कोर्ट

शिमला, 29 अक्टूबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए कि वह मृतक कर्मचारी की विवाहित पुत्री को अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति प्रदान करे। गुरुवार को न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर व न्यायमूर्ति सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने प्रार्थी ममता देवी की याचिका को स्वीकारते हुए यह आदेश दिए। कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है कि यदि प्रार्थी अनुकंपा आधार पर नौकरी पाने के लिए अन्य मापदण्ड पूरा करती है तो उसके आवेदन को मृतक कर्मचारी की विवाहित पुत्री होने के आधार पर खारिज न किया जाए। प्रार्थी के अनुसार 08 मई 2019 को उसके पिता का देहांत हो गया था। वह जिला आयुर्वेदिक कार्यालय कुल्लू चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे थे। प्रार्थी के अनुसार उसके अलावा उसकी माता व बहन मृतक पिता पर आश्रित थे। उनके घर में कोई पुरुष सदस्य नहीं है जो उसकी माता की देखभाल कर सके। उसकी माता व बहन नौकरी करने में असमर्थ होने के कारण प्रार्थी ने अनुकम्पा आधार पर नौकरी पाने के लिए आवेदन किया था। परंतु उसका आवेदन यह कहकर खारिज कर दिया गया था कि अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने की नीति के तहत विवाहित बेटियां पात्रता नहीं रखती हैं। प्रार्थी ने सरकार की इस नीति को लैंगिक आधार पर भेदभावपूर्ण बताते हुए हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट की खंडपीठ ने इसे भेदभावपूर्ण ठहराते हुए विवाहित महिलाओं को भी अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति के लिए पात्र माना जाना चाहिए विशेषतया तब जब आश्रित परिवार में कोई पुरुष सदस्य नौकरी के काबिल न हो। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील-hindusthansamachar.in

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