विधान सभा के शीत कालीन सत्र को लेकर असमंजस की स्थिति
विधान सभा के शीत कालीन सत्र को लेकर असमंजस की स्थिति

विधान सभा के शीत कालीन सत्र को लेकर असमंजस की स्थिति

शिमला, 23 नवम्बर (हि. स.)। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर विधान सभा के शीत कालीन सत्र को लेकर असमंजस की स्थिति है। यूं तो शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से धर्मशाला के तपोवन स्थित विधान भवन में प्रस्तावित है तथा इसे लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है, बावजूद इसके सरकार ने सत्र के आयोजन को लेकर सर्व दलीय बैठक में चर्चा करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में कहा कि संसदीय कार्यमंत्री को सत्र के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक करने को कहा गया है। बैठक के बाद ही सत्र को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा। देव भूमि हिमाचल में कोरोना वायरस संक्रमण अन्य राज्यों की तर्ज पर तेजी से फैल रहा है। राज्य में रोजाना ही जहां भारी सं या में कोरोना के मामले आ रहे हैं, वहीं इससे मरने वालों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे प्रदेश के आम लोगों के साथ-साथ राज्य सरकार भी चिंतित है। इसे देखते हुए सरकार ने कई अहम निर्णय लिए हैं। वहीं अब सरकार शीतकालीन सत्र को भी टाल सकती है। लेकिन इसके लिए पहले जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी। प्रदेश विधानसभा में मु य तौर से कांग्रेस व भाजपा के ही विधायक हैं तथा एक विधायक माकपा से हैं। ऐसे में सरकार मु य विपक्षी दल कांग्रेस तथा माकपा विधायक से चर्चा के बाद ही इसपर निर्णय लेगी। इसके तहत शीतकालीन सत्र मार्च तक टल सकता है। क्योंकि विधानसभा के दो सत्रों के बीच छ माह से अधिक का समय नहीं होना चाहिए। यह 6 माह का समय मार्च माह में पूरा होगा। याद रहे कि प्रदेश सरकार ने विधानसभा का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से 11 दिस बर तक धर्मशाला में तय किया था। इसको लेकर विधानसभा द्वारा धर्मशाला के तपोवन में तैयारियों भी शुरू कर दी थी, जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा था। लेकिन कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के कारण अब यह टल सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील-hindusthansamachar.in

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