पालमपुर को नगर निगम बनाने की अधिसूचना अभी नहीं हुई जारी : शहरी विकास मंत्री
पालमपुर को नगर निगम बनाने की अधिसूचना अभी नहीं हुई जारी : शहरी विकास मंत्री

पालमपुर को नगर निगम बनाने की अधिसूचना अभी नहीं हुई जारी : शहरी विकास मंत्री

शिमला, 14 सितम्बर (हि.स.)। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा है कि पालमपुर को नगर निगम बनाने अथवा नगर परिषद का दायरा बढ़ाने को लेकर अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर लोगों की तरफ से आपत्तियां व सुझाव दोनों अभी भी आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पालमपुर नगरपरिषद की आबादी 40 हजार अथवा इससे अधिक होने की स्थिति में ही इसे नगर निगम बनाया जाएगा। अन्यथा इससे कम आबादी पर नगर परिषद का दायरा बढ़ाने बारे फैसला होगा। उन्होंने कहा कि लोग उपायुक्त के माध्यम से अपनी आपत्तियां व सुझाव सरकार को भेज सकते हैं। भारद्वाज प्रदेश विधानसभा में पालमपुर के कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बेशक प्रदेश में तेजी से शहरीकरण हो रहा है, मगर सरकार गांवों को खत्म कर शहर नहीं बसा रही। यह स्थिति पालमपुर के मामले में भी लागू होती है। कहा कि पालमपुर 1953 में बनी नगर परिषद है। इस दौरान इसके आसपास के क्षेत्रों का खासा विकास हुआ है। होटल, आवासीय कालोनियां , पालमपुर कृषि विश्व विद्यालय समेत कई अन्य संस्थान यहां खुले हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में बेततरतीब विकास के बाद कई तरह की दिक्कतें होती हैं। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि पालमपुर को नगर निगम बनाने की मांग धर्मशाला से भी पहले की है। इसे लेकर दो प्रस्ताव उपायुक्त कांगड़ा की तरफ से आए हैं। उपायुक्त ने विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों के साथ बात कर प्रस्ताव भेजे हैं। पालमपुर नगर परिषद का दायरा बढ़ाने अथवा इसे नगर निगम बनाने बारे फैसला लेकर सरकार अधिसूचना जारी करेगी। इसके बाद लोगों से आई आपत्तियों व सुझावों का निपटारा कर ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। इससे पहले ध्यानाकर्षण प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए विधायक आशीष बुटेल ने कहा कि वह पालमपुर को नगर निगम बनाने का विरोध नहीं कर रहे। मगर सरकार को नगर निगम बनाने का फैसला लेते वक्त ग्रामीण इलाकों को बाहर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में जो प्रस्ताव सरकार को भेजे गए हैं उनमें सिर्फ पंचायत प्रधानों से बात की गई है। प्रधानों में भी कई इसके विरोध में हैं। आम लोगों से बात नहीं की गई। स्थानीय विधायक के साथ साथ वह पालमपुर निवासी हैं, मगर उनसे भी बात नहीं की गई। कहा कि एक साल में पालमपुर नगर परिषद में सिर्फ दो नक्शे पास हुए हैं। स्टाफ नहीं है। लिहाजा कोई भी फैसला लेने से पहले सरकार को जनभावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील-hindusthansamachar.in

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