गैर इरादतन हत्या के मामले में दो को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा
गैर इरादतन हत्या के मामले में दो को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा

गैर इरादतन हत्या के मामले में दो को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा

धर्मशाला, 25 नवम्बर (हि.स.)। गैर इरादतन हत्या के दो आरोपियों पर दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने दोषियों को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषियों को 18-18 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश-एक धर्मशाला के न्यायधीश पारस डोगर ने मामले में यह फैसला सुनाया है। मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि पांच मार्च 2009 को नूरपुर में मामला दर्ज हुआ था। शिकायतकर्त्ता मनोहर लाल निवासी डैक्वां तहसील नूरपुर ने अपने ब्यान में कहा था कि उनके घर में जगराता था। इस दौरान क्षेत्र के ही एक व्यक्ति का जमाई बलबीर रात को 11 बजे नशे की हालत में कार्यक्रम में पहुंचा था। इस दौरान बलबीर जगराता गाने वाले लोगों से गाली-गलौज व मारपीट करने लगा। मनोहर ने बताया था कि इस दौरान उनके पिता डूमणू राम आरोपियों को ऐसा करने से रोकने लगे। जिस पर तिलक व जीत ने डूमणू राम को पकड़कर जमीन पर पटक दिया। इस घटना में डूमणू राम के सिर में गंभीर चोटें आई तथा अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। जिस पर पुलिस जांच के बाद आरोपी बलबीर, तिलक राज व जीत राज के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्यवाही अमल में लाई। पुलिस जांच के बाद मामला न्यायालय में पहुंचा जहां अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में 24 गवाह पेश किए। इस मामले में बलबीर के खिलाफ साक्ष्य न मिलने पर उसको बरी कर दिया जबकि गैर इरादतन हत्या करने के चलते तिलक राज व जीत राज को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास व 18-18 हजार रुपए का जुर्माना की सजा सुनाई गई है। मामले की पैरवी जिला उप-न्यायवादी संदीप अग्रिहोत्री ने की। हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील-hindusthansamachar.in

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