गुड़िया कांड की जांच के लिए शांता कुमार ने फिर उठाई विशेष जांच कमेटी की मांग
गुड़िया कांड की जांच के लिए शांता कुमार ने फिर उठाई विशेष जांच कमेटी की मांग

गुड़िया कांड की जांच के लिए शांता कुमार ने फिर उठाई विशेष जांच कमेटी की मांग

पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को लिखा पत्र कमेटी बनाने में विपक्ष को भी विश्वास में ले राज्य सरकार पालमपुर, 23 अक्टूबर (हि.स.)। भाजपा नेता और हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र में लिखकर मांग की कि गुड़िया कांड की जांच के लिए नई विशेष जांच कमेटी बनाई जाए। शांता ने अपने पत्र में लिखा है कि गुड़िया कांड से दुखी परिवार न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट से हाई कोर्ट तक भटक रहा है। जिस परिवार की बेटी का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई और परिवार के अनुसार अपराधी आज भी उसी गांव में खुलेआम घूम रहे हैं, जरा सोचिए उस परिवार के दिल पर पीड़ा का कितना बड़ा पहाड़ रोज टूटता होगा। कोई भी मनुष्य उस परिवार की प्रतिदिन की इस पीड़ा को अनुभव कर सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री कुमार ने मुख्यमंत्री ठाकुर को लिखे पत्र में विषेश आग्रह किया कि गुड़िया कांड की जांच के लिए एक नई विशेष जांच कमेटी बनाई जाए। उसमें हिमाचल के तीन अवकाश प्राप्त और तीन वर्तमान प्रमुख पुलिस अधिकारियों को नियुक्त किया जाए। यदि उचित लगे तो कुछ आईएएस अधिकारी भी शामिल किये जाये। उन्होंने कहा कि जांच कमेटी के लिए विपक्ष को पूरी तरह विश्वास में लिया जाए। कमेटी के सदस्यों के नामों के लिए सदन में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री के सुझाव भी लिए जायें। इस विशेष जांच समिति की जांच की निगरानी के लिए हाई कोर्ट से आग्रह किया जाए। उन्होंने कहा कि सीबीआई खाली हाथ लौट गई है। इसका एक ही कारण था कि उस समय के कुछ पुलिस अधिकारियों ने किसी बड़े नेता के कहने पर सभी सबूतों को पूरे वैज्ञानिक तरीके से नष्ट कर दिए थे। लेकिन अपराध करने वाले कुछ न कुछ सबूत छोड़ देते हैं, बस उन्हें तलाश करने की जरूरत है। शान्ता कुमार ने पूरे विश्वास से कहा है कि इस जांच से अपराधी अवश्य पकड़े जाएंगे। यदि ऐसा होता है तो हिमाचल प्रशासन के लिए यह बड़े गर्व की बात होगी। उन्होेंने मुख्यमंत्री ठाकुर से आग्रह किया है कि उनके इस सुझाव को अवश्य लागू करे। कुमार ने बताया कि उन्होंने गुड़िया के पिता से पिछले दिनों दूरभाष पर बात की थी। उनका परिवार और मेरे जैसे लोग इस पीड़ा को तब तक अनुभव करते रहेंगे, जब तक मेरे इस सुझाव को सरकार स्वीकार न कर ले। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील-hindusthansamachar.in

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