कैबिनेट : हिमाचल में दो नवम्बर से नियमित लगेंगी 9वीं से 12वीं की कक्षाएं, एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार
कैबिनेट : हिमाचल में दो नवम्बर से नियमित लगेंगी 9वीं से 12वीं की कक्षाएं, एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार

कैबिनेट : हिमाचल में दो नवम्बर से नियमित लगेंगी 9वीं से 12वीं की कक्षाएं, एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार

शिमला, 27 अक्टुबर (हि.स.)। हिमाचल कैबिनट बैठक में आज कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। बैठक में 02 नवम्बर से 9वीं से12वीं कक्षा तक की नियमित कक्षाएं लगने, एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार, आईटी शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी और कांस्टेबलों के सैकड़ों पद भरने का निर्णय लिया गया है। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की। बैठक के बाद शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया कि राज्य में 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए नियमित कक्षाएं 02 नवम्बर से शुरू होंगी। लेकिन इन कक्षाओं के विद्यार्थियों की उपस्थिति स्कूलों में अनिवार्य नहीं रहेगी तथा हाज़िरी भी फिलहाल नहीं लगेगी। उन्होंने आगे कहा कि अधिक विद्यार्थियों वाले स्कूलों में स्कूल प्रिंसिपल तय करेंगे कि सोशल डिस्टेंसिनग मेंटेन हो और शिफ्ट में कक्षाएं लगें। उन्होंने कहा कि सरकारी महाविद्यालयों में भारत सरकार के केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया/दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित होने के बाद नियमित कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया गया है। भारद्वाज ने कहा कि कैबिनेट ने 01 अप्रैल, 2020 से शिक्षा विभाग में आउटसोर्स आधार पर लगे आईटी शिक्षकों के मानदेय को 10 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया। इससे 1345 आईटी शिक्षकों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नियुक्त 2555 एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार दिया है। जबकि सर्वाेच्च न्यायालय में लंबित विशेष अवकाश याचिका (सिविल) का अंतिम फैसला आने तक इन शिक्षकों को अकादमिक वर्ष 2020-21 का पारिश्रमिक आवंटित किया जा सकता है। भारद्वाज ने बताया कि कैबिनेट ने कांस्टेबलों के 1334 रिक्त पदों को भरने के लिए अपनी मंजूरी दी, जिसमें 976 पुरुष और 267 महिलाएं शामिल हैं और सीधी भर्ती के माध्यम से 91 ड्राइवर शामिल हैं। दरअसल, हिमाचल हाई कोर्ट ने इसी साल अगस्त माह में एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने का फैसला सुनाया था। इस फैसले को चुनौती देने के लिए प्रदेश सरकार और शिक्षक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। बीते दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल-hindusthansamachar.in

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