टीपीएसए बिल पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने किए हस्ताक्षर, निर्वासित तिब्बती सरकार ने किया स्वागत
धर्मशाला, 28 दिसम्बर (हि.स.)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तिब्बती नीति और समर्थन अधिनियम 2020 (टीपीएसए) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके साथ ही यह बिल अब कानून बन गया है। गौर हो कि बीते दिनों अमेरिकी कांग्रेस ने इस बिल को पारित किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा इस बिल पर हस्ताक्षर किए जाने पर निर्वासित तिब्बती सरकार के राष्ट्रपति डा. लोबसांग सांग्ये ने कहा कि यह एक ऐसा कदम जिसने तिब्बत पर अमेरिकी नीति को मजबूत किया और परम पावन दलाई लामा और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के लिए अमेरिकी सरकार के लगातार समर्थन की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि हालांकि हस्ताक्षर में देरी के बावजूद अमेरिकी कांग्रेस ने सर्वव्यापी खर्च बिल को मंजूरी दी थी, जिसे पिछले सप्ताह टीपीएसए ने संलग्न किया था। कोविड राहत बिल में बड़े प्रोत्साहन चेक के लिए कॉल करके, ट्रम्प ने शुरू में घोषणा की कि वह अमेरिकियों के लिए बड़े चेक उपलब्ध होने तक सर्वव्यापी खर्च बिल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। हालांकि, सरकारी शटडाउन से बचने के लिए ट्रम्प ने खर्च बिल पर हस्ताक्षर कर दिए। डा. सांग्ये ने इस ऐतिहासिक कानून का स्वागत करते हुए कहा कि ‘यह कानून तिब्बत के अंदर तिब्बतियों को आशा और न्याय का एक शक्तिशाली संदेश भेजता है। तिब्बती लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता, मानवाधिकारों, पर्यावरणीय अधिकारों और निर्वासन के संरक्षण के लिए अमेरिका का समर्थन करता है। तिब्बती लोकतंत्र पहले जैसा कभी नहीं रहा।” उन्होंने सीटीए और छह मिलियन तिब्बतियों की ओर से ऐतिहासिक बिल पर हस्ताक्षर करने के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि मैं बिल पारित करने के लिए एक बार फिर अमेरिकी कांग्रेस को धन्यवाद देना चाहूंगा। विशेषकर बिल के प्रायोजक मार्को रूबियो और बेन कार्डिनय सहित कांग्रेसियों जिम मैकगवर्न और क्रिस स्मिथ ने इसे सदन और सीनेट में पेश करने के लिए उनका आभार प्रकट करता हूं। अगले दलाई लामा के पुनर्जन्म को लेकर वर्तमान दलाई लामा कर सकेंगे निर्णय वर्ष 2002 के ऐतिहासिक तिब्बत नीति अधिनियम पर निर्मित, टीपीएसए का सबसे बड़ा फायदा यह होगा अगले दलाई लामा के बारे में खुद वर्तमान 14वें दलाई लामा निर्णय कर सकेंगे। इस बिल के बनने के बाद दलाई लामा के पुनर्जन्म के बारे में निर्णय विशेष रूप से वर्तमान दलाई लामा, तिब्बती बौद्ध नेताओं और तिब्बती लोगों के अधिकार क्षेत्र में होगा। चीनी सरकार के अधिकारियों के किसी भी हस्तक्षेप को गंभीर प्रतिबंधों के साथ पूरा किया जाएगा और संयुक्त राज्य अमेरिका में इसे अस्वीकार्य माना जाएगा। यह विधेयक न केवल परम पावन दलाई लामा के मार्गदर्शन में तिब्बती लोकतंत्र के विकास की गणना करता है, बल्कि लोकतांत्रिक शासन को लागू करने के अपने निर्णय के लिए परम पावन दलाई लामा की सराहना करता है और स्व-शासन की प्रणाली को सफलतापूर्वक अपनाने के लिए तिब्बती निर्वासित समुदाय की सराहना करता है। हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील-hindusthansamachar.in