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दलाई लामा को ‘भारत रत्न’ देने के लिए जनसमर्थन जुटाने बाइक पर निकल रहा तिब्बती युवा

धर्मशाला, 22 मार्च (हि.स.)। तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा को देश के र्स्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ देने की मांग जोर पकड़ने लगी है। पूर्व सांसद एवं भाजपा नेता शांता कुमार सहित वर्तमान सांसद किशन कपूर और अन्य भारतीय व तिब्बती संस्थाओं ने भी धर्मगुरू को इस सम्मान को देने की समय-समय पर मांग उठाई है। वहीं अब इसी मांग को लेकर 47 वर्षीय सेरिंग यशी ने भारत के विभिन्न हिस्सों में तिब्बती विस्थापित क्षेत्रों का बाइक से दौरा कर हस्ताक्षरों के माध्यम से जनसमर्थन प्राप्त करने का फैसला किया है। देहरादून के रहने वाले सेरिंग यशी मंगलवार को मैकलोड़गंज से बाइक में शिमला के रहने वाले एक और तिब्बती युवा के साथ अपनी इस यात्रा पर निकल रहे हैं। अपनी इस मांग को लेकर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भी भेजेंगे। अपनी इस यात्रा को लेकर सेरिंग यशी ने कहा कि वह इससे पहले स्पैशल फ्रंटियर फोर्सिज एसएफएफ में तैनात रहे हैं। सेवानिवृति के बाद उन्होंने धर्मगुरू दलाई लामा को भारत के र्स्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न की मांग को लेकर अपना लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि धर्मगुरू इस सम्मान के हकदार हैं क्योंकि वह पिछले साठ वर्षों से भारत में रह रहे हैं। वह हमेशा अपने आपको भारत का बेटा कहते हैं। उन्हें विश्व भर में शांति का दूत कहा जाता है तथा इसी के चलते उन्हें वर्ष 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार भी दिया गया। इसके अलावा भी उन्हें 2007 में यूएस कांग्रेसनल गोल्ड मेडल, 2012 में टेम्पलअन पुरसकार सहित कई अंर्तराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के बाद धर्मगुरू दलाई लामा एक मात्र ऐसी शख्सियत हें जिन्हें विश्व में शांति और अंहिसा का दूत माना जाता है। उन्होंने कहा कि इन सभी उपलब्धियों के चलते धर्मगुरू को भारत रत्न भी मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह अपनी इस यात्रा के दौरान तिब्बती समुदाय सहित भारतीय समुदाय से भी इस समर्थन में हस्ताक्षर करवाऐंगे। लेह लद्दाख से होते हुए कन्याकुमारी तक का करेंगे सफर तिब्बती युवा सेरिंग यशी अपनी इस यात्रा को धर्मगुरू की नगरी मैकलोड़गंज से शुरू कर रहे हैं। बाइक में वह लेह लद्दाख, अरूणाचल प्रदेश, गुजरात और कन्याकुमारी तक का सफर कर जन समर्थन जुटाऐंगे। हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील

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