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इस साल 9.61 लाख किसान प्राकृतिक खेती के साथ जुड़ेंगे : कृषि मंत्री

ऊना, 24 फरवरी (हि. स.)। हिमाचल प्रदेश के सभी 9.61 लाख किसानों को ‘सुभाष पालेकर प्रकृतिक खेती’ तकनीक से जोड़ कर राज्य में खाद्यान्न, फल व सब्जियों को सिंथेटिक खाद, कीटनाशक व रसायन मुक्त करके वर्ष 2022 तक प्रकृतिक खेती राज्य के रूप में विकसित किया जाएगा। कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बुधवार को बताया कि इस योजना के अंर्तगत प्रकृति खेती अपनाकर किसानों की कृषि लागत को कम करके तथा कृषि उत्पादन को बढ़ाकर आगामी पांच वर्षों में किसानों की आय दोगनी करने का लक्ष्य रखा गया है। वीरेंद्र कंवर ने बताया कि राज्य में 30 नवंबर, 2020 तक 2957 पंचायतों में कुल 95,051 किसानों को प्रकतिक खेती के लिए प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें से 90,349 किसान 5,095 हैक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। इस समय राज्य में 8000 बागवान सेब, आडू, नाशपति आदि फल प्राकृतिक खेती की तकनीक के माध्यम से उगा रहे हैं। राज्य में ‘सुभाष पालेकर प्रकृतिक खेती‘ योजना के कार्यान्वन के लिए राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 के दौरान 500 किसानों को प्राकृतिक खेती के अंर्तगत कवर करने के लक्ष्य के मुकाबले 2669 किसानों को इस योजना के साथ जोड़ा गया। वहीं वर्ष 2019-20 के दौरान 50,000 किसानों को कवर करने के लक्ष्य के मुकाबले 54,914 किसानों को प्राकृतिक खेती के साथ जोड़ा गया तथा 2,451 हैक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के तहत लाया गया है। कृषि मंत्री ने बताया कि नवम्बर माह तक कांगड़ा जिला में 21,136 किसान 738 पंचायत क्षेत्रों में 634 हैक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। वहीं मंडी जिला की 440 पंचायतों में 20,534 किसानों ने 882 हैक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं। हमीरपुर जिला की 190 पंचायतों में 10,404 किसान 622 हैक्टेयर ज़मीन पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। वहीं ऊना जिला की 202 पंचायतों में 4,894 किसान 342 हैक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, जनजातीय लाहौल स्पीति जिला की 20 पंचायतों में 437 किसान 36 हैक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती से जुड़ चुके हैं। किन्नौर जिला में नवम्बर 2020 तक 65 पंचायतों में 1,020 किसान 107 हैक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि क्षे़त्रफल के हिसाब से नवम्बर माह तक मंडी जिला में 882 हैक्टेयर, कांगड़ा जिला में 634 हैक्टेयर, हमीरपुर में 622 हैक्टेयर, चंबा में 599 हैक्टेयर, शिमला में 549 हैक्टेयर, लाहौल स्पीति जिला में 36 हैक्टेयर, ऊना में 342 हैक्टेयर, किन्नौर जिला में 107 हैक्टेयर, बिलासपुर जिला में 326 हैक्टेयर, कुल्लू में 257 हैक्टेयर, सोलन में 303 हैक्टेयर व सिरमौर जिला में 436 हैक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/उज्जवल

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